Ganesh Utsav 2022: दो साल बाद फिर मची गणेशजी की धूम

इंदौर। कोरोनाकाल के दो साल बाद इस बार शहर में गणेश उत्सव की धूम मची हुई है। आज से गणेश चतुर्थी पर्व की शुरुआत हुई और सुबह से ही जहां खजराना गणेश, बड़ा गणपति गणेश सहित सभी गणेश मंदिरों में पूजा, अर्चना के साथ भक्तों का तांता लगा। वहीं शहर…
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नंद के घर आनंद भयो जय कन्हैया लाल की से गूंजे मंदिर

इंदौर। आज श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व शहर में बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस बार जन्माष्टमी का उत्सव 4 दिन तक चलेगा। अलग अलग मंदिरों में यह तारीखें अलग अलग हैं। जिसकी आज से शुरुआत हो चुकी है। 21 अगस्त तक पर्व मनेगा। गोपाल मंदिर,…
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इस बार राखी दो दिन बंधेगी

इंदौर। इस साल रक्षाबंधन पर भद्रा काल है,लेकिन मकर राशि की भद्रा का वास पाताललोक में है इसलिए इसका असर नहीं पड़ेगा। इसके साथ ही इस बार दो दिन पूर्णिमा तिथि है। पहले दिन यदि राखी ना बांधी जा सके तो दूसरे दिन सुबह पूर्मिमा तिथि समाप्त होने से…
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मंदिरों में पूजन-अर्चन के लिए उमड़े लोग, शाम को कुम्हारखाड़ी में दंगल

इंदौर। आज शहरभर में नागपंचमी का त्योहार मनाया जा रहा है। पिछले दो सालों से त्याहारों पर कोरोना का ग्रहण लगा हुआ था लेकिन इस वर्ष सभी त्याहारों पर शहर में पहले जैसा माहौल दिखाई दे रहा है। तीस साल बाद एक बार फिर शिवयोग में नाग पंचमी का पर्व…
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टूटे या खराब रुद्राक्ष की माला न पहनें

शिवजी को आराध्य मानने वाले काफी लोग रुद्राक्ष धारण करते हैं। रुद्राक्ष हाथ में ब्रेसलेट या गले में माला के रूप में पहना जाता है। रुद्राक्ष को शिवजी का प्रतीक माना गया है। मान्यता है कि जो लोग रुद्राक्ष धारण करते हैं, उन्हें शिवजी की…
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सावन के पहले सोमवार पर भक्ति में डूबा शहर

इंदौर। शिव आराधना के सावन माह के पहले सोमवार पर शिव मंदिरों में पूजन-अर्चन करने वालों की भीड़ अल सुबह से ही उमड़ने लगी। भक्तों ने सुबह भगवान शिव का जलाषिभेक किया वहीं मंदिरों में भगवान शिव का आकर्षक श्रंृगार भी किया गया। शिव मंदिरों में…
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घोर प्राकृतिक आपदाएं, आसमानी आफत आएगी

इंदौर। सभी नौ ग्रहों का प्रभाव किसी न किसी राशि पर नकारात्मक या सकारात्मक रूप से जरूर पड़ता है। बात करें अगर शनि ग्रह की तो शनिदेव को न्याय का देवता कहा जाता है। शनिदेव के स्वभाव से ना सिर्फ भक्त बल्कि देवतागण भी रखते हैं। क्योंकि शनि देव…
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चातुर्मास में धन का नहीं धर्म का संग्रह करो-सागरजी

इंदौर। वर्षा काल में सूक्ष्म जीवों की उत्पत्ति अधिक होने से साधु अहिंसा धर्म का पालन, जीवो की रक्षा और श्रुत की आराधना के लिए 4 माह तक एक ही स्थान पर ठहरकर चातुर्मास करते हैं, क्योंकि वर्षा काल में आवागमन से बहुत हिंसा होती है। यह…
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