घोर प्राकृतिक आपदाएं, आसमानी आफत आएगी

आज से शनि वक्री होकर पुन: मकर राशि में गोचर करेंगे

इंदौर। सभी नौ ग्रहों का प्रभाव किसी न किसी राशि पर नकारात्मक या सकारात्मक रूप से जरूर पड़ता है। बात करें अगर शनि ग्रह की तो शनिदेव को न्याय का देवता कहा जाता है। शनिदेव के स्वभाव से ना सिर्फ भक्त बल्कि देवतागण भी रखते हैं। क्योंकि शनि देव कर्मों के अनुसार ही फल देते हैं। शनिदेव 5 जून 2022 को कुंभ राशि में वक्री होकर 23 अक्टूबर 2022 तक वक्री अवस्था में ही रहेंगे।

अब 12 जुलाई को शनि मकर राशि में गोचर करेंगे जोकि 7 जनवरी 2023 तक मकर राशि में ही रहेंगे और इसके बाद फिर से कुंभ राशि में उनका गोचर होगा। इस गोचर का 6 राशियों पर पूरे 6 माह के लिए प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। शनिदेव के इस राशि परिवर्तन से इन राशियों के जीवन में तमाम तरह की मुश्किलें भी आ सकती है। जानते हैं कौन सी है वह छह राशियां और शनि के गोचर से इन राशियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा। पंडित राजेश उषा शर्मा ने बताय कि हाल ही कि राजनीति उठापटक महा राष्ट्र, इंग्लैंड, जापान, श्रीलंका में हो चुकी है, जिसकी अभी पिक्चर तो बाकी है,,,प्राकृतिक प्रकोप भी पहले से शुरू हो चुके है और नि यमि त अंतराल से होते रहेंग। प्रदेश में 40 कि लो मी टर के दायरे में 7000 जगह आसमानी आफत बिजली गिरी जो कि अविशसनीय ही है,,, सुनामी , जलजला, और भूकंप के विनाशकारी के प्रकोप के भी योग है। भारत के पड़ोसी देश से टकरा हट होगी।

अन्य देशों के मध्य भी युद्ध जैसे हालात निर्मित होगे लेकि न ती सरे युद्ध के अभी यो ग नही है। इस दौरान प्रत्येक जातक अपने इष्ट, प्रभु के नि यमि त पूजन, पा ठ, जप, भक्ति, हवनध्या न करते रहें, हें, आचरण – चरित्र शुद्ध रखें, हक किसी का भी न मारें, ज्यादती, अत्याचार, धोखाधड़ी, फरेब से बचें, अन्याय, अधर्म और अनीति से बचें, चें,, माता – पिता, गुरुदेव, ब्राह्मण की सेवा करें इनका कभी भी अना दर न करें, अन्यथा शनि के प्रको प से बचना ना मुमकि न और मुश्किल है। वन्याया धीश, दंडाधिकारी है और कर्मों के अनुसार ही फल देते है,,, शनि देव के आगे तमाम प्रपंच, साम, दाम , दंड, भेद, चालाकी, चतुराई, षडयंत्र, ज्ञान – गणित, डिजाईन, कूटरचना एं,एं दुष्टता सब धरी की धरी रह जाती है और इनके दंड से जन्मों तक हिसा ब हो ता रहता है और ये साबित कर देते है कि इनसे क्रूर और पा पी और अन्य ग्रह को ई नहीं।

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