आरक्षण : न नियत न नीति, गांधारी हो गए फैसले लेने वाले…

क ई पेंचों में उलझे पंचायत चुनाव से अंतत: सरकार को पीछे खसकना पड़ा। बहाना भले ही कोरोना का हो पर तथ्य बता रहे हैं कि जिन आधार पर सरकार चुनाव कराने के लिए आमादा थी वह उच्चतम न्यायालय के दरवाजे पर ही दम तोड़ रहे थे। दुर्भाग्य यह भी है कि…
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सिसकते शहर में विधवा प्रलाप करती राजनीति…

श हर में विकास और विनाश की ऐसी बयार चल रही है कि सिसकते शहर में मकानों के उजड़ने पर शहर की राजनीति और जनप्रतिनिधि केवल विधवा प्रलाप की भूमिका में दिखाई दे रहे हैं पर शहर के बाशिंदों के लिए यह भी अच्छी बात है कि वह अब अपनी लड़ाई खुद लड़ना…
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अगड़े-पिछड़े की राजनीति लाखों रोजगार निगल गई…

अ गाड़ियों और पिछाड़ियों की राजनीति के चलते प्रदेश के लाखों युवाओं का भविष्य किस कदर चौपट हो रहा है, यह देखना है तो आज की राजनीति इसका सबसे अच्छा उदाहरण है। मध्यप्रदेश में हो रहे पंचायत चुनाव पर कल उच्चतम न्यायालय द्वारा की गई तल्ख…
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नैतिकता नहीं : अब सत्ता ही लोकतंत्र का आधार

इ न दिनों पूरे देश को दिन में एक बार नैतिकता का पाठ पूरे जोर-शोर से पढ़ाया जाता है। पाठ पढ़ाना आसान होता है और स्वयं में नैतिकता होना अलग बात होती है। उत्तर प्रदेश के लखीमपुरखीरी कांड में उच्चतम न्यायालय के फैसले ने यह सिद्ध कर दिया कि…
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स्वच्छ और स्वस्थ पत्रकारिता के 40 साल, आभार…

स्वच्छ और स्वस्थ पत्रकारिता के 40 साल, आभार... दै निक दोपहर आज अपनी पत्रकारिता के चालीस साल पूरे कर रहा है और यह सब उन तमाम पाठकों के सहयोग से ही संभव हो सका है, जिन्होंने विपरीत परिस्थिति में भी अखबार के साथ खड़े रहने का दायित्व निभाया…
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लोकतांत्रिक मूल्यों की हत्या के बाद लिया राजनैतिक फैसला…

अं तत: आज सुबह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्र के नाम संदेश के दौरान तीनों नए कृषि कानून वापस लेने का ऐलान किया। उन्होंने इस दौरान इस कानून को लेकर कई सफाई भी अपनी ओर से देने के प्रयास में कोई कमी बाकी नहीं रखी, परन्तु यह फैसला इस…
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अनुपयोगी वस्तुओं से हमारा मोह

-प्रसंगवश भारत विविधता भरा देश है।यहां विभिन्न धर्म, सम्प्रदाय, पंथ के लोग मिलजुलकर रहते है।सभी धर्मों का कोई ना कोई प्रमुख त्यौहार भी होता है।कोई ईद मनाता है तो कोई क्रिसमस मनाता है कोई अन्य त्यौहार मनाता है।हिन्इू धर्म में तो वैसे…
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एक दर्द ऐसा भी…इंदौर में जमीन धोखाधड़ी के बेहिसाब मामले

इंदौर ने स्वच्छता, वैक्सीनेशन सहित कई मामलों में नम्बर वन का तमगा अपने नाम कर रखा है और देश दुनिया मे अपना नाम भी रोशन किया है। इंदौर कई मामलों में नम्बर वन है और रहने लायक शहरों की सूची में 9 वें स्थान पर है बावजूद इसके कुछ…
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राजनीतिक मानसिकता में लगी घुन, विकास नहीं, विनाश की ओर शहर को ले जा रही है

य ह शहर स्मार्ट अधिकारियों के नहीं, पिछले 100 सालों से इस शहर के बाशिंदों और कारोबारियों के कारण स्मार्ट था, परन्तु इस शहर में यह तय है कि अधिकारी शहर को स्मार्ट सिटी का तमगा दिला ही देंगे। वैसे भी शहर में पदस्थ होने वाले तमाम अधिकारी…
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कैलाश विजयवर्गीय भी उसी हंडी के चावल

पि छले कई वर्षों से शहर विकास कार्यों की ऐसी प्रयोग स्थली बन गया है जिसमें प्रदेश के हर अधिकारी ने इंदौर में आकर गंगारूपी जल जमाव का भरपुर आनंद लिया है। शहर का विकास बता रहा हैं कि शहर में अधिकारियों द्वारा हो रहे निर्णय शहर के आम लोगों…
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