स्वच्छ और स्वस्थ पत्रकारिता के 40 साल, आभार…

स्वच्छ और स्वस्थ पत्रकारिता के 40 साल, आभार…
दै निक दोपहर आज अपनी पत्रकारिता के चालीस साल पूरे कर रहा है और यह सब उन तमाम पाठकों के सहयोग से ही संभव हो सका है, जिन्होंने विपरीत परिस्थिति में भी अखबार के साथ खड़े रहने का दायित्व निभाया है। 27 नवंबर 1980 को इस अखबार के प्रकाशन पर पत्रकारिता क्षेत्र के आधार स्तंभों ने उम्मीद की थी कि यह अखबार संभवत: अपनी जगह नहीं बना पाएगा। पहले दिन से ही अखबार के सिद्धांत और नीति पूरी तरह साफ थी कि वह स्वच्छ पत्रकारिता को ही प्राथमिकता देगा। अखबार को जनसेवा का माध्यम ही बनाया जाएगा, व्यापार का केंद्र नहीं बनने देंगे। शहर के सबसे छोटे आदमी की आवाज भी उठाने का हर प्रयास दैनिक दोपहर ने ईमानदारी से निभाया। इसी के साथ शहर के तमाम अच्छे कारोबारियों, उद्योगपतियों के कारोबार को बढ़ावा देने के लिए भी अखबार ने कोई कोताही नहीं बरती। संघर्ष के दिनों में शून्य से कारोबार शुरू करने वाले ईमानदार कारोबारी आज शिखर पर हैं। यह शहर के लिए भी सौभाग्य की बात है। दैनिक दोपहर आज अपनी स्वस्थ और निडर पत्रकारिता के लिए पहचाना जाता है। सही को सही और गलत को गलत लिखने में कोई हिचक न रही है और न रहेगी। अखबार के इन्हीं सिद्धांतों के कारण कई बार अखबार शासन-प्रशासन के निशाने पर भी रहा, परंतु पत्रकारिता के सिद्धांतों से कोई समझौता नहीं किया। दैनिक दोपहर ने इस शहर के विकास को लेकर अपनी भूमिका बहुत ही पारदर्शी तरीके से निभाई। निश्चित रूप से इस प्रकार की पत्रकारिता के लिए जो सीख मिली, उसका श्रेय अखबार के संस्थापक विद्याधर शुक्ला को ही जाता है। उन्होंने अपने पूरे जीवनकाल में पत्रकारिता को आम लोगों के हित के लिए आगे बढ़ाया। वे एकमात्र ऐसे पत्रकार थे, जिन्हें पत्रकार होने की सवारी नहीं आती थी। अखबार जहां गलत होता था और उन्हें लगता था कि किसी के सम्मान को ठेस पहुंची है तो वे बिना किसी झिझक के माफी मांगने में भी पीछे नहीं हटते थे और आज भी दैनिक दोपहर इन्हीं सिद्धांतों को आगे बढ़ा रहा है। हम आपको विश्वास दिलाते हैं दैनिक दोपहर आज अपनी पहचान अच्छी पत्रकारिता के रूप में शहर में स्थापित किए हुए है। भविष्य में भी यह परंपरा पूरी ईमानदारी और पत्रकारिता के सिद्धांतों के साथ कायम रहेगी। एक बार फिर हम अपने तमाम विज्ञापनदाताओं, पाठकों, मित्रों और आलोचकों के आभारी हैं, जिन्होंने हमारे मनोबल को कभी कम नहीं होने दिया। साथ ही यह भी विश्वास हम दिलाते हैं कि दैनिक दोपहर आपकी कसौटी पर 100 प्रतिशत खरा ही उतरेगा।

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