एक करोड़ तक के कर्ज में बैंक लाएगी अब कर्ज माफी योजना

वन टाइम सटलमैंट को लेकर वित्त मंत्रालय ने दिए निर्देश, डीआरटी से यह प्रकरण हटेंगे

Bank will now bring loan waiver scheme for loans up to one crore
Bank will now bring loan waiver scheme for loans up to one crore

मुंबई (ब्यूरो)। वित्त मंत्रालय ने रिजर्व बैंक के माध्यम से सभी बैंकों को निर्देशित किया है कि अब वे 20 लाख से लेकर 1 करोड़ तक के वे कर्ज जो विवादों में उलझे हुए हैं उन्हें लेकर वन टाइम सटलमेंट कर समाप्त करें। जो हेयर कट या जो माफी देनी है वे बैंक अपने स्तर पर ही निराकरण करे। अभी इस प्रकार के सभी मामले डेट रिकवरी ट्रियूबनल के सामने प्रस्तुत किए जाते थे। इसके कारण ट्रियूबनल को बड़े प्रकरणों पर कार्रवाई का समय नहीं मिलता था।

उल्लेखनीय है कि ट्रियूब्नल में चल रहे इस प्रकार के कर्ज वसूली के मामलों में 74 प्रतिशत मामले इसी प्रकार के हैं। वित्त मंत्रालय के इस आदेश से अब बैंकों को बड़ी राशि खोना होगी। उल्लेखनीय है कि 2020 में डेट रिकवरी ट्रियूब्नल ने 5772 मामलों में निराकरण कर बैंकों के 6895 करोड़ वसूल करके बैंकों को दिए थे। इसमें बैंकों की 80 प्रतिशत पूंजी चली गई थी।

सरकार ने खुद अब बैंकों को कहा है कि वह छोटे प्रकरणों को जो 20 लाख से लेकर 1 करोड़ रुपए तक के कर्ज के हैं अब उन्हें बैंकों को अपने स्तर पर ही समाप्त करने होंगे। वित्त मंत्रालय ने इनको लेकर लिखा है कि बैंकें अपने स्तर पर ऐसे प्रकरण जिनमें वसूली नहीं हो पा रही है उन्हें वन टाइम सटलमैंट में जल्दी से जल्दी समाप्त करें। उल्लेखनीय है कि डीआरटी में ही पहले यह प्रकरण भेजे जाते थे, अब इनकी संख्या लाखों में हो रही है।

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74 प्रतिशत ऐसे मामलों के कारण डीआरटी बड़े प्रकरणों की सुनवाई नहीं कर पा रही है। इनमें कई कर्ज व्यक्तिगत रूप से लिए गए हैं। हालांकि बैंकों ने इस प्रकार के कर्ज से बैंकों को नुकसान न हो इसके लिए अपने मुनाफे में कमी कर डूबने वाले रुपये का प्रावधान कर दिया फिर भी यह एक प्रकार की छोटे कर्जों में कर्ज माफी अभियान ही कहलाएगा। इससे बैंकों को बड़ा आर्थिक नुकसान भी सीधे झेलना होगा।

डीआरटी को इस प्रकार के प्रकरणों को लिए अधिकृत किया गया था, परंतु अब यहां पर भी प्रकरणों की संख्या अत्यधिक होने के कारण निराकरण में वर्षों लग रहे हैं। इधर डीआरटी ने अभी 4300 प्रकरणों का निराकरण कर 4 हजार करोड़ रुपए वसूल किए थे, अब यह एक ओर बड़ी कर्जमाफी कहलाएगी।

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