भारतीय मसालों और खाद्य पैकिंग में कैंसर के केमिकल मिले, यूरोप से कई कंटेनर बंदरगाह से ही वापस लौटाए

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नई दिल्ली (ब्यूरो)। भारतीय खाद्यान और मसालों को लेकर अब पूरी दुनिया में छीछालेदर हो रही है। पिछले दिनों सिंगापुर और मलेशिया ने एवरेस्ट और एमडीएच के मसालों में हानिकारक तत्व पाए जाने के बाद प्रतिबंध लगाया है, तो अब इस मामले में यूरोपीय देशों के यूरोपियन फूड एंड सेफ्टी अथार्टी ने 500 से अधिक भारतीय खाद्य वस्तुओं के आयात पर रोक लगा दी है। इनमें से 27 खाद्य वस्तुओं के भरे कंटेनरों को बंदरगाह से ही वापस लौटाने के आदेश देते हुए बाजार से इन सभी खाद्य वस्तुओं के पैकिंग को तुरंत हटाने के आदेश भी जारी किए हैं। बताया जा रहा है कि फूड एंड सेफ्टी अथार्टी ने इन खाने के सामानों में इथाइलीन आक्साइड पाया है, जो कैंसर का कारक होता है। इसके पूर्व भारत से निर्यात की जाने वाली दवाइयों में भी हानिकारक तत्व होने के कारण कई देशों ने अपने यहां प्रतिबंध लगा दिया था। इसके बाद सरकार ने जांच कर कई दवा कंपनियों को सील कर दिया था।

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लगातार विदेशों से भारतीय खाद्य पदार्थों और दवाइयों को लेकर आने वाली शिकायतों ने सरकार को हिलाकर रख दिया है। दूसरी ओर सवाल यह उठ रहा है कि जब विदेशों मेंं इन पदार्थों की जांच में हानिकारक तत्व मिल रहे हैं तो देश में इनको लेकर कोई जांच अभी तक क्यों नहीं हो रही थी। पिछले दिनों हेल्थ ड्रिंक के नाम पर बेचे जा रहे बार्नविटा और हार्लिक्स को शकर का घोल ही पाया गया। दूसरी ओर अब सिंगापुर और मलेशिया में दो मसालों में पेस्टीसाइड पाए जाने के बाद यूरोपीय देशों के यूरोपीय यूनियन ने भारत से आयात होने वाली 527 खाद्य वस्तुओं पर प्रतिबंध लगा दिया है। इनमें से 27 प्रोडक्ट के 87 कंटेनर बंदरगाह से ही वापस भारत लौटाए गए हैं। 527 वस्तुओं में इथाइलीन आक्साइड पाया गया है जो कैंसर होने का कारक माना जाता है।

इथाइल आक्साइड एक प्रकार की गैस है जिसका इस्तेमाल पेस्टीसाइड (कीटनाशक) बनाने में किया जाता है। यह मेडिकल में उपयोग के लिए होता है। खाद्य पदार्थों में इसका उपयोग नहीं किया जा सकता है। यह खतरनाक कैमिकल के रूप में जाना जाता है। तीन साल निरंतर जांच के बाद यूरोपीय देशों ने अब 527 खाद्य पदार्थ के पैकिंग प्रतिबंधित कर दिए हैं। इसमें तिल से बने 313 खाद्य पदार्थ हैं तो वहीं बाकी मसालों के पैकिंग हैं। शिकायतों के बाद अब सरकार ने भारतीय मसाला बोर्ड को निर्देशित किया है कि वह सभी खाद्य पदार्थोंं की जांच प्रारंभ करे और उसके बाद ही निर्यात की अनुमति दे।

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