कीटनाशक बनाने वाली 7000 कंपनियों के पंजीयन रद्द

खेतों में खड़ी फसल के लिए दे रहे थे नकली दवाएं

Registration of 7000 companies manufacturing pesticides canceled
Registration of 7000 companies manufacturing pesticides canceled

नई दिल्ली (ब्यूरो)। देशभर में नकली पेस्टीसाइट और खेतों में लगने वाली दवाईयों को लेकर चल रहे फर्जीवाड़े पर सरकार द्वारा बड़ी कार्रवाई करते हुए, 7 हजार से अधिक कंपनियों के पंजीयन रद्द कर इनके सभी पेस्टीसाइट प्रोडक्ट जब्त करने को लेकर राज्य सरकारों को निर्देश दिए है। केंद्र सरकार ने देशभर में पेस्टीसाइट का काम करने वाली कंपनियों को अपने प्रोडक्ट के साथ केवायसी किए जाने के निर्देश दिए थे, जिसमें कई बिंदुओं पर बनाए जा रहे पेस्टीसाइट की जानकारी देनी थी। pesticides companies 

अब जांच के बाद देश में 2584 कंपनियां ही पेस्टीसाइट के बनाने का काम कर पाएगी।खेतों और घरों में नुकसान पहुंचाने वाले कीट को मारने को लेकर देशभर में 10 हजार से अधिक कंपनियां पंजीकृत थी, जो कीटनाशक का उत्पादन करती थी।

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इनमें से बड़ी तादाद में कंपनियां नकली कीटनाशक भी बनाकर बाजार में बेच रही थी। इससे कई बार किसानों की फसलों को भारी नुकसान भी उठाना पड़ रहा था। अवैध रुप से नकली कीटनाशक बनाकर बेचे जा रहे थे।

इसे लेकर सरकार ने दो माह पहले सभी कंपनियों को शिकायत आने के बाद अपनी पूरी जानकारी (केवायसी) देने के साथ बनाए जा रहे कीटनाशक के बारे में भी जानकारी चाही थी। परन्तु सरकार के आदेश के बाद भी देशभर की 7 हजार कंपनियों ने कोई जानकारी नहीं दी।

इनमें से कई नकली कीटनाशक बनाकर कारोबार कर रही थी। देशभर में 946 फार्मूलों पर कीटनाशक बनाए जाते है। बनाए गए पेस्टीसाइट एक्ट का भी पालन नहीं हो रहा था। अब इन सभी कंपनियों के लाइसेंस और पंजीकरण रद्द करते हुए राज्य सरकारों को निर्देशित किया है कि इनके सभी प्रोडक्ट बाजार से जब्त किए जाए।

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