Sulemani Chai – आफत के पतीले में….बम के पीछे फुस्सी बम…खजराने की कोरल से तबेले में रौनक
घोटालो वाले सिद्दीक साहब
आफत के पतीले में
मुस्लिम भाजपाई बड़े नेताओं के बयानों से हमेशा परेशान रहते हैं और उन बयानों पर टिप्पणी से अपना मुह नई नवेली दुल्हन की तरह छुपाते फिरते है । चुनावी माहौल में मोदी जी का मुस्लिम समाज को घुसपैठिया ओर ज्यादा बच्चे वाले बयान ने बेचारे मुस्लिम भाजपाइयों की नींद उड़ा रखी है । वक्त ब वक्त आये ऐसे बयानों पर बेचारे आफत के पतीले में छिपाते फिरते है । ऐसे हालात में भाजपा की तारीफ भी नही कर सकते और कौम को कुछ कहा तो चौराहे पर संगसार कर दिये जयंगे । इस मसले पर सुलेमनी चाय वाले ने शहर के कई मुस्लिम भजपाईयो से बात करनी चाही पर ज्यातर मुस्कुरा दिए । इस मुस्कुराहट में कितने दांत दिखे हमे तो फोन पर दिख गया। आप चाहे तो आंखे बंद कर महसूस कर सकते है। वैसे भी बीजेपी से इन भाइयो को वही रोटी(पद) मिलती है जो किसी ओर को नही दी जा सकती ।आगे इनका क्या होगा वो तो पता नही । पर फिलहाल इनके लिए एक पतीला ओर उसका दक्कन बड़ा काम का है ।
बम के पीछे फुस्सी बम
चार नम्बर विधानसभा में कोंग्रेसी जनसम्पर्क जब मुस्लिम इलाको से गुजरा तब भजपाई मुस्लिम नेता ने शोशल मीडिया पर एक पोस्ट डाली जिसमे लिखा था बम के पीछे चार पांच फुससी बम । अब महाशय तो एटम बम है ।जो पूरा जीवन बीजेपी में देने के बाद भी बस अपने मफाद के कुछ काम कराने के सिवा कुछ ज्यादा नही कर पाए है । साहब अब तक पार्षद का टिकट भी खुद के लिए नही ला सके , नेता जी ऐसे पहले एटम बम है जिन्हेंने संजय शुक्ला ओर विशाल पटेल का बीजेपी में आने पर विरोध भी किया । लेकिन बीजेपी की कुछ मिसाइलों ने जब इनकी तरफ रुख किया तो ये एटम बम थोड़े नरम पड़े। अब साहब कांगेसी बम के साथ कितने फुससी बम थे ये तो हमे पता नही पर खुद एटम है या सुतली इसकी पता आप लगाइए ओर हम से ज्यादा बुराई मत कराइये।
खजराने की कोरल से तबेले में रौनक
खजराने में शुभ लाभ के पास कुक्की जी की कोरल को अब तक भवन अनुमति नही मिली है। कोरल की कमान पर्दे के पीछे अब्बू डब्बू (काल्पनिक नाम) संभाल रहे है। दोनों के तबेले में अच्छे संबंध है।इसी के साथ सूत्रों की माने तो कोरल में बनने वाले हर मकान के बदले खजराने के तबेले में कुछ न कुछ नजराना पहुच रहा है, इसके बदले साहब निगम सम्भाल लेते है और आएं हुवे नोटिस भी लौट जाते है । अब साब खजराने में सैकड़ो मकानों के मालिक बनना कोई आसान काम तो नही , बाकी आप समझिए।
घोटालो वाले सिद्दीक साहब
निगम में फर्जी बिल घोटाले में फंसी सिद्दीक साहब एंड कम्पनी दान धरम में बहुत आगे रही है । मस्जिद मदरसों में क्या इस तरह के गबन ओर घोटालो का पैसा लगाना ठीक है। दूसरी तरफ क्या मस्जिद ओर मदरसों वलो को इस बात की तस्दीक नही करनी चाहिए की आया हुवा पैसा केसा है । इस गलत कमाई से क्या हम अपने लिए अच्छे मौलाना या इनके लगाए कूलर ऐ सी में हमारी इबादते उस उरूज तक पहुँच सकती है जैसा हम चाहते।
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