सबसे स्वच्छ शहर में सफाई व्यवस्था ध्वस्त नही लग रही कई क्षेत्रों में झाडू

हर वार्ड में अब लग रहा है कचरे का ढेर, फिर कचरा घरों के बाहर दिखने लगा

Cleanliness system in the cleanest city does not seem to be broken. Sweeping in many areas.
Cleanliness system in the cleanest city does not seem to be broken. Sweeping in many areas.

इंदौर। सात बार देश भर में स्वच्छता का डंका बजाने वाले स्वच्छ शहर के कई क्षेत्रों में इन दिनों जगह-जगह गंदगी का ग्रहण लग रहा हैं। अधिकतर जगहों पर दो-दो माह से झाडु़ नहीं लग रही हैं। ऐसे में शहर भर की झाड़ु व्यवस्था चरमरा गई हैं या यूं कहें कि कई दिनों से शहर की झाड़ु व्यवस्था पर ही झाड़ु लग रही हैं। पुलिस कंट्रोल रूम का कचरा भी कई महीनों से नहीं उठाया गया। ऐसे में शहर की ज्यादातर गली मोहल्लों में जहां-तहां कचरा ही कचरा पसरा देखा जा रहा हैं।

साफ-सफाई के नाम पर देश-विदेश में इंदौर का नाम रोशन करने वाली नगर निगम इन दिनों सफाई के मामले में फिसड्ड़ी नजर आ रही हैं। एक समय था जब सुबह-शाम हर हिससे में झाड़ु लगती रहती थी। मगर अब हालात ऐसे हो गए हैं कि शहर की प्रमुख सड़कें हो या कॉलोनी की हर तरफ कचरा फैला देखा जा रहा हैं। दैनिक दोपहर की टीम ने शहर की एक दर्जन से ज्यादा प्रमुख सड़कों के साथ ही दर्जनों कॉलोनियों का दौरा किया तो पाया कि ज्यादातर हिस्सों में कई महीनों से झाड़ु ही नहीं लगी हैं। इतना ही नहीं पुलिस मुख्यालय में पसरा पड़ा कचरा देख के अंदाजा लगाया जा सकता हैं कि यहां पर भी कई महीनों से झाड़ु नहीं लगी हैं। इसी तरह धीरज नगर, वेलोसिटी के आसपास, शिवशक्ति नगर, मेघदूत नगर, दुबे का बगीचा, बड़ी भमोरी जैसे कई क्षेत्रों से कई दिनों तक कचरा नहीं उठाया जा रहा हैं।

नतीजतन इन कॉलोनियों में भी जहां-तहां कचरा देखा जा सकता हैं। नगर निगम की कचरा गाडिय़ां भी डोर डू डोर कचरा कलेक्शन लेने के लिए समय पर नहीं पहुंच पा रही हैं। ऐसे लोगों को मजबूरी में कचरा यहां-वहां फैकना पड़ रहा हैं। जिससे शहर की सूरत बिगडऩे लगी हैं। बढ़ती गर्मी व बदलते मौसम को देखते हुए नगर निगम द्वारा हर बार व्यापक स्तर पर विशेष सफाई अभियान चलाया जाता रहा हैं, मगर इन दिनों चुनावों की आड़ में पूरे शहर की सफाई व्यवस्था ध्वस्त दिखाई दे रही हैं। शहर में कई नालियां आज भी कचरों से पटी पढ़ी हैं। कचरे के कारण नाली के पानी सप्लाई पर बुरा असर पड़ रहा हैं ऐसे में ऐसी नालियों में जल जमाव की स्थित निर्मित हो गई हैं। जिसके चलते मच्छरों का प्रकोप बढऩे से रहवासियों को बीमारी का खतरा सताने लगा हैं। चुनावों की आड़ में नगर निगम द्वारा कीटनशक दवाई का छिड़काव भी नहीं करवा पा रही हैं। बुजुर्ग व बच्चे मच्छर जतीन रोगों से ग्रस्त हो रहे हैं।

फॉगिंग मशीन का नहीं हो रहा उपयोग…

शहर भर में इन दिनों फैल रहे कचरे के कारण मच्छरों का प्रकोप रहवासियों की परेशानी का सबब बना हुआ हैं। बाउजूद इसके नगर निगम फॉगिंग मशीन का भी उपयोग नहीं कर रहा हैं। कई महीनें गुजर गए नगर निगम ने शहर के किसी भी हिस्से में फॉगिंग मशीन का उपयोग ही नहीं किया।

कबाड़ हुई सड़कों पर लगी लिटरबिन

सात साल पहले नगर निगम ने शहर को साफ व स्वच्छ बनाने के लिए शहर भर की कचरा पेटी हटाकर लिटरबिन लगाई थी। जिससे घर का कचरा घर पर ही और बाजार का कचरा बाजार से ही उठ जाए। मगर अब शहर भर की प्रमुख सड़कों व बाजारों में लगी लिटरबिन या तो गायब हो गई हैं या फिर कबाड़ बन गई, जिसके चलते अब वह कचरा डालने लायक ही नहीं बची हैं, नगर निगम उन्हें भी बदलने की सुध नहीं ले रहा हैं।

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