गुस्ताखी माफ –समझते नई खुदाई मत देखों पर….एक सेल्यूट तो बनता है…तबेला भारी पड़ेगा बंगला…
समझते नई खुदाई मत देखों पर....
नेताओं को भी समझना चाहिए सारी खुदाई एक तरफ है तो... कुछ बातें लिखी नहीं समझी जाती है। पहली तरफ ध्यान न भी जाए तो भी दूसरी तरफ ध्यान रखना चाहिए। यह मामला है भाजपा द्वारा मध्यप्रदेश में बनी कार्यसमिति को लेकर।…
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