गुस्ताखी माफ –खुद करे तो रासलीला, दूसरे करंे तो केरेक्टर ढीला… यह हाल है अलबर्ट का…

वो तो सब ठीक है, शहर में इस बात की बड़ी चर्चा है कि अलबर्ट पिंटो को गुस्सा क्यों आया और वह भी ऐसे पुल को लेकर, जो अधिकारियों की पहली गलती नहीं थी। इसके पहले नगर निगम और प्राधिकरण के भी कुछ निर्माणों में इससे ज्यादा भयानक गलतियां हो चुकी रही हैं। उस वक्त अलबर्ट को गुस्सा नहीं आया। फिर अलबर्ट ऐसी बात पर गुस्सा आना आश्चर्य की बात है। गुस्सा उस वक्त क्यों नहीं आया, जब पूरे शहर में त्राहिमाम मची थी। रेमडेसिविर नहीं मिल रहे थे, कई लोग ऑक्सीजन के लिए भटक रहे थे तो कई अपने घरों की लाशें लेकर श्मशान के बाहर इंतजार कर रहे थे, उस वक्त अलबर्ट का गुस्सा कहां था। अलबर्ट यह भी नहीं बता रहे कि इस महामारी में आखिर कितने लोगों को इन्होंने अपने यहां से रेमडेसिविर दिए। यह बता दें कि कितने लोगों को भर्ती कराया। एक माह में ही सात हजार से अधिक लाशें श्मशानों में जलीं। उस वक्त गुस्सा आना था। जिस भाषा में गुस्सा दिखाते हुए अलबर्ट ने वीडियो जारी करवाया वहां पर दोयम दर्जे के इंजीनियरों से अलबर्ट ने बात हुई थी, क्या उसी भाषा में वे किसी बड़े प्रशासनिक अधिकारी से बात कर सकते हैं। अब आइये अलबर्ट के कार्यकालों में उनके ही हाथों हुए गलत निर्माणों को लेकर भी समझने के बाद आप सिर ठोक लेंगे। सबसे पहले राजबाड़े के दरवाजे पर ही उद्यान बनवा दिया तब वे जनकार्य विभाग नगर निगम में मुखिया थे। इसे बाद में उजाड़ना पड़ा। माणिकबाग ब्रिज का निर्माण भी इसी कार्यकाल में हुआ। इस ब्रिज का लेफ्ट टर्न इतना खतरनाक है कि अभी तक दुर्घटना में लोग मर रहे है। आ जाते है केसरबाग ब्रिज की ओर। यहां ताई के सुझाव भी वे अपने प्राधिकरण अध्यक्ष कार्यकाल में घोलकर पी गए। चाय व्यापारियों का तो मामला ही अलग है। प्राधिकरण में अच्छा खासा पैसा बांटने के बाद भी अभी तक उलझे हुए है। अब तो वे बताने भी लगे है कि किसने कितने रुपए लिए और एक ओर जानकारी ज्ञान की समझ लीजिए प्राधिकरण की जमीनों पर बिना अध्ययन के बोर्ड में प्रस्ताव पास करवा दिया कि मैरिज गार्डन बनेंगे। बाद में यह योजना भी वापस लेना पड़ी। स्कीम नंबर 140 के किसानों का तो बड़ा रोचक मामला है। वे प्राधिकरण में बैठकर किसानों के लिए ऐसी पॉलिसी लेकर आए थे जिसे अधिकारियों ने समय रहते समझ लिया और इसे रद्द करवा दिया। वरना कई नंगे नहा लेते। पूरे शहर में केवल यही चर्चा है कि आखिर अलबर्ट को निर्माण क्षेत्र में ही त्रुटि होने पर गुस्सा क्यों आया?

 

 

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