गुस्ताखी माफ़-महापौर की दौड़ में ज्योति बाबू के समर्थक भी…संजू बाबू के नए प्रशांत किशोर…

महापौर की दौड़ में ज्योति बाबू के समर्थक भी…
निकाय चुनाव के शंखनाद के साथ ही भाजपा में महापौर की दौड़ की स्पर्धा शुरू हो गई है। मेन रोड पर कई नामों के बीच ज्योति बाबू के दो नाम भी सर्विस रोड पर दौड़ना शुरू हो गए है। इसके अलावा 10 के लगभग पार्षद उम्मीदवार भी मर्ज किए जाने को लेकर बातचीत का दौर शुरू होने जा रहा है। क्षेत्र क्रमांक 2 और क्षेत्र क्रमांक 3 में सिंधिया समर्थक अपने उम्मीदवारों को भाजपा से उतारने को लेकर सूची दे चुके है तो दूसरी ओर ज्योति बाबू के कोटे से प्रमोद टंडन और विपिन खुजनेरी संटू के नाम महापौर के लिए संगठन को दिए जाने की सुगबुगाहट भी शुरू हो गई है। सिंधिया समर्थक भी कह रहे है कि इस बार मैदान में भाजपा की ओर से हमारे उम्मीदवार दिखाई देंगे।


संजू बाबू के नए प्रशांत किशोर…
संजू बाबू इन दिनों महापौर की चुनावी तैयारियों में लग गए हैं। किसी जमाने में महाभारत शुरू होने के साथ ही क्षेत्र का हाल जानने के लिए संजय की आंखों का इस्तेमाल होता था और वे धृतराष्ट्र को युद्ध क्षेत्र का हाल बताते थे। कलयुग में सीन में जरा चेंज आ गया है। अब संजय खुद ही देख नहीं पा रहे हैं तो उन्होंने वार्ड स्तर पर जमीनी हकीकत जानने के लिए चुनावी रणनीति बनाने वाले सुनील अग्रवाल को मैदान में उतारा है। वे तीस वार्डों की हकीकत से रूबरू हो चुके हैं। कई जगह स्थिति मजबूत है। वे पहले भी संजय शुक्ला के चुनावी रणनीति के बड़े जादूगरों में शामिल रहे हैं। इसके पूर्व उनकी सेवाएं सांसद महोदय भी चुनाव में ले चुके हैं। कुल मिलाकर इंदौरी प्रशांत किशोर की रणनीति कितनी सफल होती है, अब ये तो समय बताएगा, पर कांग्रेस में भी धृतराष्ट्रों की संख्या इतनी ज्यादा हो गई है कि कई बार उन्हें संजय ही दिखाई नहीं देते।


गुना की आंच इंदौर तक…
ज्योति बाबू के क्षेत्र गुना में इन दिनों भाजपा और बाबू समर्थकों के बीच अच्छी-खासी तलवारें खिंच गई हैं। हालत यह है कि गुना के मंत्री महेंद्रसिंह सिसौदिया ने सभा में नौ मिनट के बीच आठ बार महाराजजी के नाम की माला जप डाली और कहा कि यहां से भाजपा को जिताया जाना आम रहवासियों की बड़ी भूल थी। जवाब में क्षेत्रीय सांसद के.पी. यादव ने अपना जवाब ठोंका- महेंद्रसिंह सिसौदिया मूर्ख हैं और इन मूर्खों को भाजपा में शामिल करना बड़ी भूल है… तो फिर गिरिराज दंडोतिया महाराज टन्ना गए। उन्होंने भी कहा कि महाराज को हराकर अच्छा नहीं किया। जो भी हो, ऐसा लग रहा है के.पी. यादव के भाजपा के सामान समेटने के दिन अब शुरू हो गए हैं। हालांकि गुना के घमासान की आंच इंदौर तक भी हवा के साथ आ रही है। जो सोच रहे है मामला खत्म हो गया है वे गलतफहमी में है। यह मामला अब और तेजी से बढ़ेगा।
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