गुस्ताखी माफ़- खीर खा गये मदारी….सनातनी के दनादनी…

खीर खा गये मदारी….
इन दिनों आनंद नगर में उत्तम स्वामी जी की उत्तम कथा को लेकर नई रामायण शुरु हो गई है। यह कथा अग्रवाल समाज के युवा संगठन द्वारा की जानी थी और वे ही इसके लिए जुटे हुए थे परंतु इस बीच में कथा को हाईजैक कर लिया गया। अब कथा भी राजनीति के लिए बड़े प्लेटफार्म के रुप में मानी जाती है। अब मामला यह हो रहा है कि अग्रवाल समाज के वे तमाम लोग जिन्होंने इस कथा का आयोजन किया उनके चेहरे कथा से गायब हो गये है, अब शहर में लगाये गये तमाम होर्डिंग्स में सनातनी विधायक गोलू शुक्ला और भाजपा के नगर अध्यक्ष सुमित मिश्रा के चेहरे दमक रहे हैं जो इस कथा के मुख्य कर्ताधर्ता थे वे बाजार से गायब हो गये हैं, अब उनकी शिकायत यह है कि सारी व्यवस्था हमारी थी और मामला कुछ ऐसा हो गया है कि नाचे कूदे बांदरी और खीर खा गये मदारी। ऐसा लग रहा है कथा के आयोजक यहीं है। इसमे एक और मजेदार बात यह है कि इस पूरी कथा के होर्डिंग्स से इस क्षेत्र के पार्षद मनीष शर्मा मामा को दूर कर दिया गया है यानी वे छेटी हो गये हैं।


सनातनी के दनादनी…
सनातनी विधायक गोलू शुक्ला के चिरंजीव का देवास का कारनामा इन दिनों दिल्ली तक गूंज रहा है। चिरंजीवियों के कारनामों से दूसरी बार दिल्ली गूंजी है। तीन दिन बाद कल अंतत देवास में चामुण्डा माता के मंदिर के पुजारी को भी बयान जारी कर यह बताना पड़ा की दनादनी चिरंजीव रुद्राक्ष ने उन्हें मारा नहीं है। जबकि दो दिन तक वे थानों के चक्कर लगाकर चिल्ला चिल्ला कर यह राग अलाप रहे थे कि उनके बेटे को दनादनी चिरंजीव ने ही पीटा है और शयन में गई माताजी का द्वार खुलवाया है। तीन दिन बाद जब इस मामले की लीपापोती के प्रयास शुरु हुए तब तक इस मामले में पुख्ता प्रमाण और सीसीटीवी कैमरे में दनादनी चिरंजीव के चेहरे दिखने के बाद मुकदमा दर्ज किया गया है और वह भी भोपाल से आई हरीझंडी के बाद। देखना होगा अब सनातनी विधायक इस चिरंजीवी दाग को किस प्रकार से धोते है।

किसकी चि_ी निकलेगी
पूरे प्रदेश की नजरे इन दिनों भाजपा के नये नवैले प्रदेश अध्यक्ष को लेक टिकी हुई है। वो जमाने और होते थे जब भाजपा में प्रदेश अध्यक्ष के चेहरे पहले से ही दिख जाते थे परंतु अब मध्यप्रदेश के भाजपा नेताओ ंकी हालत ऐसी है कि उन्हें खुदके बारे में भी कोई जानकारी नहीं रहती है। ऐसे में अब एक बार फिर सारी नजरे दिल्ली दरबार में अमित शाह पर टिक गई है कि वे किसके नाम की चि_ी निकालते है। नाम तो सभी चला रहे हैं पर बोल कोई नहीं रहा है। अब इसमे नरोत्तम मिश्रा से लेकर कैलाश विजयवर्गीय तक के नामों की चर्चा हो रही है।

कांग्रेस की विचारधारा लेकर पैदा हुए हैं..
पिछले दिनों पत्रकारिता के एक आयोजन के दौरान शहर के कई राजनेता भी आयोजन में शिरकत करने पहुंचे थे। स्टेट प्रेस क्लब के तीन दिनी आयोजन में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर सारगर्भित चर्चा हुई। समारोह के समापन के दिन कांग्रेस से निष्कासित व्यापारिक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष अजय चौरडिय़ा और भाजपा के नगर अध्यक्ष सुमित मिश्रा का आमना सामना हो गया, चूंकि दोनों ही पहले से ही अच्छे परिचित है और शिक्षा के क्षेत्र में लगभग साथ में समय गुजार चुके है। मुलाकात के दौरान सुमित बाबू ने अयज चौरडिय़ा को हाथ जोडक़र प्रस्ताव दिया कि आप भाई साहब भाजपा में आ जाओ। आपकी कदर वहा पर बेहतर होगी। आपकी प्रतिभा से हम परिचित है। अब इसके बाद बारी थी अजय चौरडिया की, जब उन्होंने पूरी विनम्रता से हाथ जोड़ते हुए सुमित बाबू से कहा आदरणीय सुंदरलाल जी पटवा के साथ लंबा समय गुजारने के बाद भी वे मुझे भाजपा में नहीं ला पाये वे जानते थे। कि मेरी निष्टा कांग्रेस के साथ है। कांग्रेस से में भले ही निष्कासित हूं पर मेरी विचारधारा जीवनभर कांग्रेस के साथ रहेगी। मेरा झगड़ा कांग्रेस से नहीं उन नेताओं से है जो कांग्रेस को बर्बाद कर रहे हैं।

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