गुस्ताखी माफ़- इज्जत दोगे तो इज्जत मिलेगी….मैं ही दिखता हूं क्या ?बाइयों की चर्चा ज्यादा…

gustakhi maaf
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इज्जत दोगे तो इज्जत मिलेगी

इ न दिनों एक पार्षद महोदया के वाट्सएप ग्रुप पर आ रहे संदेश ने लोगों को यह बताया है कि यदि आप अपने घर की, अपने आसपास की कोई समस्या के लिए वाट्सएप ग्रुप पर निवेदन करेंगे तो आपको पार्षद महोदया के नाम के आगे पहले आदरणीय या श्रद्धेय लगाना होगा अन्यथा आपके मामले की सुनवाई नहीं हो पायेगी। सार यह है कि आप उन्हें इज्जत देंगे तो वह आपको इज्जत देंगी। अन्यथा वार्ड के उन लोगों का हुक्का पानी बंद हो जाएगा जो सीधे सीधे मालवी भाषा में अपनी समस्या लिखकर भेज देते थे आप सोच रहे होंगे यह पार्षद महोदया कौन है? तो इनका नाम है आदरणीय मुद्रा शाी। तो यह तेवर अकेले उनके ही नहीं है उसी गुट से एक ओर पार्षद महोदया का भी यही रुतबा है। पिछले दिनों प्रतापनगर गुरुद्वारे के आसपास विधायक निधि से कुछ काम प्रारंभ किया गया था। इस दौरान उन्होंने वहां जाकर यह कहा कि यह कार्य महापौर के सौजन्य से हो रहे हैं इसलिए काम बंद कर दे या उनका नाम बोर्ड पर लगाये। अब इन पार्षद का नाम भी आदरणीय कंचन गिदवानी है। अब एक पार्षद और बची है। उनके तेवर भी कुछ ऐसे ही रहे हैं।

मैं ही दिखता हूं क्या ?

भा जपा में कई बार नेताओं के जन्मदिन किसी भी शोक दिवस पर भारी पड़ जाते हैं, कुछ ऐसा ही मामला रहा कि भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा का निधन हो गया था और इस मामले में सभी को सूचना भी हो चुकी थी तो दूसरी ओर भाजपा के ही एक ओर नेता प्रताप करोसिया का जन्मदिन था जो कहीं पर भी इस निधन से प्रभावित नहीं दिख रहे थे।

बाइयों की चर्चा ज्यादा…

श हर में इन दिनों घरेलु बाईयों का बड़ा संकट पैदा हो गया है। कई मध्यमवर्गीय परिवारों के यहां अब बड़ी राशि की मांग के चलते खुद ही घर के काम करने पड़ रहे $है। अधिकांश बहुमंजिला भवनों में सबसे बड़ी समस्या इन दिनों काम करने वाली महिलाओं को लेकर है। एक काम करने वाली महिला पर दस परिवारों की नजर बनी रहती है। और जब तक और ज्यादा पैसे देकर उन्हें तोड़ा ताड़ी नहीं हो जाती तब तक यह अभियान जारी रहता है। इसके चलते कही बहुमंजिला में अब झगड़े भी होने लगे हैं इस बात को लेकर भी हमारे घर की काम करने वाली बाई से क्यों बात की जा रही है। लोग बता रहे हैं कि लाड़ली बहना, पांच किलो मुफ्त अनाज के साथ कई सुविधाएँ मिलने से अब श्रम करने वाले मजदूरों का भी संकट पैदा होता जा रहा है।

एक लाड़ला भाई 10 लाड़ली बहनों के पैसे दे रहा है

ए क और जहां सरकार लाड़ली बहनाओं का पूरा ध्यान रख रही है तो दूसरी ओर पुलिस विभाग ने भी रात को अब उन लाड़ले भाइयों की तलाश में अपनी पूरी ताकत लगा दी है। एक लाड़ला भाई कम से कम 10 बहनों के पइसे दे रहा वह भी चंद सैंकड़ में। केवल ऐसे भाइयों को घेरने में बड़ी तैयारी हर बड़ी सडक़ पर करना पड़ रही है। यह बात लाड़ले भाइयों को हर दिन घेरने वाले बड़े पुलिस अधिकारी ने कहीं। उनका कहना था इन दिनों शहर में शराब पीकर वाहन चलाने वाले लाड़ले भाइयों पर 10 हजार का चालान काटा जा रहा है। हाथों-हाथों पैसा मिल रहा है। इस मामले में जब कोई ऐसा वाहन चालक जिसने शराब पी रखी और कार चलाते वक्त पकड़ा जाता है तो वह हाथ जोडक़र छोडऩे की विनती करता है। तब उसे यह बताना पड़ता है कि सरकार जो पइसा लाड़ली बहनाओं को हर महिने दे रही है, उसका बोझ तुम्ही पर डाला गया है। इसीलिए कोशिस करो की हर दिन 10 बहनों के पैसें हमारे जमा करवा दे। एक दिन में ड्रिंक एंड ड्राईव में 150 से अधिक चालान काटे जा रहे है। पुलिस का प्रयास है कि इसकी संख्या 300 तक हो जाए ताकि तीन हजार लाड़ली बहनाओं के पैसे हम ही दे दिया करें। अब अभी तक जो पीकर गाड़ी चलाते समय नहीं पकड़ाए है वे भी इस गंगा में पुण्य करने के लिए किसी भी अपनी आहूती किसी चौराहे पर दे सकते है।

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