हैप्पी धवन की 100 डायरियों की जांच के आदेश

चिराग शाह और रमेश मित्तल को करानी है लगभग 50 रजिस्ट्रियां

land mafia happy dhawan
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इंदौर। इंदौर के कुख्यात भूमाफियाओं के लिए उच्च न्यायालय के निर्देश पर बनाई गई कमेटी के दबाव के चलते अब धीरे-धीरे भूखण्ड पीडितों को न्याय मिलने के आसार बनने लगे है। पूर्व न्यायाधीश ओ.पी. श्रीवास्तव के नेतृत्व में बनी कमेटी इंदौर के कुख्यात भूमाफियाओं से 300 से अधिक भूखण्डों को दिलाने और डायरियों पर हुए कारोबार को लेकर पिछले 2 माह से प्रयास रत है। दूसरे दौर की सुनवाई कल से फिर प्रारंभ हुई है। इसमें कालिंदी गोल्ड के भूखण्ड हडपने वाले ओर अपनी ही डायरियों को नकली बताने वाले हैप्पी धवन की डायरियों पर हुए हस्ताक्षरों की जांच के आदेश दिए गए है। इससे यह तय हो गया है कि हैप्पी धवन का जालसाजी और हेरा फेरी में जेल जाना तय है।

इसके अलावा फिनिस टाउनशिप में रमेश मित्तल द्वारा ली गई जमीन पर दिए जाने वाले भूखण्डों के मामले में 13 तारीख को सुनवाई होगी। यहां पर 23 भूखण्डों की रजिस्ट्री की जानी है। चिराग शाह को भी उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर 23 प्लाटों की रजिस्ट्री करना है। यदि यह प्रक्रिया हो गई तो उच्च न्यायालय का प्रयास सफल होगा। वहीं कमेटी की मेहनत भी फलीभूत होगी।

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शहर के भूमाफिया रहे हैप्पी धवन, रीतेश अजमेरा और चिराग शाह से भूखण्ड पीडितों को न्याय दिलाने के लिए चल रही प्रक्रिया में कमेटी के प्रयास अब जमीन पर दिखने लगे है। कल दूसरे दौर की सुनवाई में कालिंदी गोल्ड सिटी में डायरियों पर दिए भूखण्ड और रजिस्ट्री किए गए भूखण्ड नहीं देने के मामले मेें कमेटी ने सख्त रवैया अपनाते हुए अब हैप्पी धवन की 100 से अधिक डायरियों में किए गए हस्ताक्षरों की जांच के निर्देश दिए है, जो अगली सुनवाई पर बताए जाएंगे। उल्लेखनीय है कि हैप्पी धवन खुद ही अपने हस्ताक्षर को डायरियों पर नकली बता रहा है।

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कमेटी की इस कार्रवाई से सच सामने आने के बाद अब हैप्पी धवन कई मुकदमों में उलझ जाएंगे। इसके अलावा फिनिक्स में हिस्सेदार रहे आर.के इन्फ्रास्ट्रक्चर तर्फे रमेश मित्तल पर बहस के बाद इस मामले में उनसे 13 तारीख के जवाब देने को कहा है।

फिनिक्स टाउनशिप में लगभग 23 भूखण्डों की रजिस्ट्री रमेश मित्तल को प्रदीप अग्रवाल के माध्यम से कराना है। उच्चतम न्यायालय की स्ट्रेट्स रिपोर्ट में भी यह निर्देशित किया गया है। इसके अलावा चिराग शाह को भी 23 प्लाटों की जिम्मेदारी रजिस्टी कराने के लिए तय की गई है। लंबे समय से उच्चतम न्यायालय की रिपोर्ट पर प्रशासन आगे कदम नहीं बढा रहा था वरना यह मामला बिना कमेटी बनाए ही समाप्त हो जाता। रितेश अजमेरा पर भी सुनवाई होनी है। आज संभवत: रितेश अजमेरा का पक्ष भी सुना जाएगा।

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