50 प्रतिशत आबादी गरीबी रेखा से नीचे

देश की आबादी को लेकर नेशनल फैमेली हेल्थ सर्वे की बड़़ी रिपोर्ट

नई दिल्ली (ब्यूरो)। देश में अमीरों और गरीबों के बीच अब गहरी खाई बन गई है। आबादी को लेकर 12 राज्यों और दो केन्द्र शासित प्रदेशों में अब 50 प्रतिशत से ज्यादा आबादी गरीबी रेखा से नीचे आ गई है। कई राज्यों में 80 प्रतिशत तक आबादी गरीबी रेखा के नीचेे बीपीएल कार्डधारी है। असम में 70 प्रतिशत आबादी बेहद गरीब है। गांवों में जहां हर 4 में एक व्यक्ति अमीर है तो वहीं शहरी क्षेत्रों में 10त्न ही गरीब हैं। धर्म के आधार पर भी गरीबी में कोई अंतर नहीं है। वहीं अमीरों की आय में ऐतिहासिक इजाफा गरीबों के बीच में बड़ा अंतर बना रहा है।
सरकारी एजेंसी नेशनल फेमिली हेल्थ सर्वे ने अपनी ताजा रिपोर्ट जो इस सप्ताह जारी हुई है, इसमें बताया है कि आबादी को लेकर जहां देश में अब स्थिरता आ गई है। वहीं दूसरी ओर अमीरों और गरीबों के बीच गहरी खाई बन गई है। देश के 12 राज्यों और दो केन्द्र शासित प्रदेशों में एनएफएचएस द्वारा किए गए सर्वे के बाद यह बात सामने आई है कि इन राज्यों में 50 प्रतिशत से ज्यादा आबादी गरीबी रेखा से नीचे आ गई है। सरकार द्वारा जारी आंकड़े बता रहे हैं कि इसके लिए 2019-21 के वेल्थ इंडेक्स को मॉडल बनाया गया था। इसके अंतर्गत परिवारों के पास उपलब्ध सामानों का आंकलन करने के बाद आबादी को 5 हिस्सों में बांटा जाता है। इसमें सबसे ऊपर रहने वाले 20 प्रतिशत को अमीर और सबसे नीचे रहने वाले 20 प्रतिशत को गरीब के रूप में आंकलन किया जाता है। सामानों में टीवी, फ्रीज, बाईक, पीने का पानी, बिजली की व्यवस्था देखी जाती है। शहरी क्षेत्र में उच्च 20 प्रतिशत ऊंचे स्तर पर 74 प्रतिशत आबादी बनी हुई है जबकि गांव-देहात में 54 प्रतिशत लोग सबसे गरीब हैं तो शहरी क्षेत्र में मात्र 10 प्रतिशत ही गरीब हैं। 4 राज्यों में हालत दयनीय है। आसाम में गरीबी 70 प्रतिशत, बिहार में 68.9 प्रतिशत, झारखंड में 68 प्रतिशत,उड़ीसा में 60.3 प्रतिशत बेहद गरीब श्रेणी में हैं। उत्तर पूर्वी राज्यों में धर्म के आधार पर भी गरीबी असर कर रही है। कुछ राज्यों में 80 प्रतिशत आबादी गरीबी रेखा से नीचे बीपीएल कार्डधारी हैं। दो केन्द्र शासित प्रदेशों की भी यही स्थिति है जो गरीबी और अमीरी के बीच भारी असमानता को भी दर्शा रहा है। अभी प्रधानमंत्री अनाज योजना के तहत देश की 80 करोड़ आबादी को मुफ्त अनाज मिल रहा है जो जून तक जारी रहेगा।

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