1916 में दिल धड़काने वाली हिरोइन थी वह…
22 अप्रैल को 'काननदेवीÓ के जन्म दिवस के अवसर पर
इंदौर। 22 अप्रैल को एक ऐसी अभिनेत्री- गायिका का जन्म दिवस है जिन्होंने पहले बंगला और बाद में हिन्दी फिल्मो में अपने अभिनय और गायकी से धूम मचा दी थी ये थी ‘काननदेवीÓ।
आपका जन्म अविभाजित भारत के बंगाल में एक बहुत साधारण निम्न वर्गीय परिवार में सन् 1916 में हुआ था। अपने परिवार की दरिद्रता के चलते अपनी और परिवार के लोगों की भूख मिटाने की खातिर उन्हें दस वर्ष की आयु में फिल्मो में काम करना पडा। सन् 1926 की फिल्म ‘जयदेवÓ पहली फिल्म थी। उस जमाने में फिल्मों ने बोलना शुरू नहीं किया था। सन् 1931 में काननदेवी किशोर आयु की थी। उन्हें बोलती फिल्म ‘ऋषि प्रेमÓ में अभिनय करने का अवसर मिला। इस फिल्म के बाद उन्होंने पीछे मूडकर नही देखा। दर्शक उनकी सुन्दरता, अभिनय और गायकी के दिवाने हो गये।
उनकी कंपनियां ‘श्रीमती पिक्चर्सÓ और ‘कलकत्ता मुव्हीटोनÓ के बैनर्स तले कई फिल्मों का निर्माण हुआ जिनमें कुछ बंगाली फिल्में है- श्री गौरांग, देवदास, विद्यापति, साथी आदि।
साथी फिल्म का हिन्दी संस्करण ‘स्ट्रीट सिंगरÓ जबर्दस्त सफल रहा। काननदेवी के दिर्घ और सार्थक योगदान के लिए भारत सरकार द्वारा उन्हें,सन् 1977 में ‘दादा साहब फाल्केÓ पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
सन् 1992 में इस महान फिल्मकार अभिनेत्री का स्वर्गवास हो गया, उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि।
-सुरेश भिटे