Success Story: इंदौर की बेटी प्रियंका के स्टार्टअप ने दुनिया में बनाई पहचान
देश के टॉप 5 स्टार्टअप में शामिल रहा है वायु स्टार्टअप

इंदौर(राजेन्द्र कोपरगांवकर) अपने कंफर्ट जोन में रहकर बनें बनाए सुगम रास्ते पर तो सभी चल लेते हैं, मजा तो तब है, जब अपना रास्ता खुद बनाएं और उस मार्ग पर चलकर लक्ष्य तक पहुंचे। लीक से हटकर किया गया काम ही भीड़ से अलग पहचान दिलाता है। काम ऐसा करो जो दूसरों के लिए नजीर बनें। पूर्व राष्ट्रपति और मिसाइल मैन के नाम से मशहूर डॉ. अब्दुल कलाम साहब कहते थे कि सपने हमेशा बड़े देखिए और उन्हें हकीकत में बदलने का प्रयास करें। मप्र की एक बेटी ने कुछ अलग करने का सपना देखा था, अलहदा सोच के साथ नवाचार करने के इस सपने को तब हकीकत के धरातल पर उतरने का मौका मिला जब यह बेटी शादी के बाद इंदौर आ गई। कहते हैं इंदौर की मिट्टी की कुछ ऐसी तासीर है कि ईमानदारी से प्रयास करनेवालों को यहां कामयाबी मिलते देर नहीं लगती। अच्छी भली गृहस्थी चल रही थी, पति एक मल्टीनेशनल कंपनी में अच्छे ओहदे पर थे और वो स्वयं भी निजी मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट में प्राध्यापक थीं ।
लेकिन बरसों पहले देखा सपना मन में कहीं कुलबुला रहा था, जो उन्हें चैन से बैठने नहीं दे रहा था। आखिर उन्होंने सपने को हकीकत का जामा पहनाने का जोखिम उठाया।10 वर्ष पूर्व जब स्टार्टअप की केवल सुगबुगाहट चल रही थी,इस महिला ने पति के साथ नवाचार करते हुए एक नया कूलिंग सिस्टम इजाद किया। दोनों ने नौकरी छोड़ी और जमा पूंजी लगाकर वायु के नाम से अपना स्टार्टअप स्थापित कर लिया। कई कठिनाइयां आई, एक समय ऐसा भी आया जब घर तक बेचना पड़ा बावजूद इसके हिम्मत नहीं हारी और उम्मीद का दामन नहीं छोड़ा। नतीजा ये रहा की आज इंदौर की इस बेटी का स्टार्टअप अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना चुका है। फीफा वर्ल्ड कप में भी उनके एयर कूलिंग सिस्टम को आजमाया गया। राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री ने भी उनके काम की तारीफ की। यहां तक की भारत की स्टार्टअप पॉलिसी बनाने में प्रधानमंत्री ने उनसे ऑनलाइन चर्चा कर सुझाव भी लिए। अपने सपने को जीने, उसे पूरा करने का सांहस जुटाने, और नवाचार के जरिए उसे धरातल पर उतारने वाली इस महिला का नाम है डॉ.श्रीमती प्रियंका मोक्षमार।
नेवल ऑफिसर की बेटी हैं प्रियंका
प्रियंका के पिता नेवी में ऑफिसर थे। कोचीन में प्रियंका का जन्म हुआ और नोएडा के केंद्रीय विद्यालय से उन्होंने स्कूली शिक्षा ग्रहण की। बाद में जीवाजी विवि से बीए की डिग्री हासिल की। 2001 में शादी के बाद पति प्रणव मोक्षमार के साथ इंदौर आ गई। यहां उन्होंने एमबीए करने के साथ मार्केटिंग में पीएचडी भी की। पति प्रणव एक एयर कंडीशन कंपनी में मार्केटिंग मैनेजर थे। प्रियंका भी जिस संस्थान से एमबीए किया, वहीं प्राध्यापिका के बतौर पढ़ाने लगी। गृहस्थी की गाड़ी अच्छे से चल रही थी पर कुछ अलग करने की जिजीविषा उनके मन में थी। कॉलेज टाइम में ही एक सपना संजोया था की कोई ऐसा काम करना है, जिसको दुनिया सराहे। उनके सपने को साथ मिला पति प्रणव का। उन्होंने जॉब छोड़कर 2008 में व्यवसाय करना तय किया। शुरू में तो प्रियंका जोखिम उठाने से घबरा रही थी पर पति के प्रोत्साहित करने पर वो भी उनके साथ अपने सपने को मूर्त रूप देने के लिए तत्पर हो गई और अपनी जॉब छोड़ दी। इसके साथ ही उन्होंने अपने लक्ष्य को हासिल करने का सपना बरकरार रखा और इसी के अंतर्गत आईआईएम बेंगलुरु से बिजनेस ग्रोथ स्ट्रेटजी कोर्स किया। इसके बाद अपने पति के साथ मिलकर प्रियंका ने एक ऐसे एयर कूलिंग सिस्टम का अविष्कार किया जो 20 डिग्री तक तापमान को कम करता है।

इसे उन्होंने वायु एयर कूलिंग सिस्टम नाम दिया और 2013 में उसका पेटेंट कराया। प्रियंका ने पति प्रणव के साथ अपना वायु स्टार्टअप शुरू कर दिया था। किराए के छोटे से शेड में काम शुरू करने के बाद उन्होंने बैंक से लोन लेकर पीथमपुर में अपनी यूनिट स्थापित की। उनकी लगन और मेहनत रंग लाई। उनके स्टार्टअप की चर्चा देशभर में होने लगी।देश के टॉप 05 स्टार्टअप में वायु की गिनती होने लगी। इसका असर ये हुआ की 2021 में स्टार्टअप पॉलिसी को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिन चुनिंदा 12 स्टार्टअप आंत्रप्रेन्योर से ऑनलाइन चर्चा की, उनमें वायु की संचालक प्रियंका मोक्षमार भी शामिल थी। प्रियंका मोक्षमार बताती हैं कि कोविड काल में उनका कारोबार ठप हो गया था। बैंक लोन की किश्तें चुकाना भी दूभर हो गया था। हालात ये हो गए की उन्हें फैक्ट्री और घर बेचना पड़े। बैंक और अन्य लोगों की देनदारी चुकाने के बाद बचे पैसों से उन्होंने देवास नाका पर नई यूनिट डाली। ईश्वर की कृपा रही की वायु स्टार्टअप फिर चल निकला और अब तेजी से बढ़ रहा है। फीफा वर्ल्ड कप में भी वायु एयर कूलिंग सिस्टम का इस्तेमाल हुआ। एयर कंडीशन से अलग वायु एयर कूलिंग सिस्टम ने अल्प समय में ही देश के साथ विदेशों में भी अपनी पहचान बना ली। प्रियंका मोक्षमार बताती हैं कि कतर में हुए फीफा वर्ल्ड कप के दौरान स्टेडियम से लगे 15 रेस्टोरेंट में उन्होंने वायु एयर कूलिंग सिस्टम लगाया था, जो बेहद कामयाब रहा। इसी का नतीजा रहा की मिडिल ईस्ट के देशों में उनके कूलिंग सिस्टम की डिमांड बढ़ी। वहां उन्होंने दो फ्रेंचाइजी भी दे रखी हैं।
कोविड केयर सेंटर में लगाया था सिस्टम
प्रियंका ने बताया कि अपने सामाजिक दायित्व का निर्वहन करते हुए कोविड काल के दौरान खंडवा रोड पर राधास्वामी सत्संग में स्थापित कोविड केयर सेंटर में भी उन्होंने जिला प्रशासन के अनुरोध पर वायु एयर कूलिंग सिस्टम लगाया था। तत्कालीन कलेक्टर मनीष सिंह ने उनके सिस्टम को सराहा था।
80 प्रतिशत तक बिजली बचाता है वायु एयर कूलिंग सिस्टम
प्रियंका बताती हैं कि वायु एयर कूलिंग सिस्टम को समय के साथ अपग्रेड भी किया गया है। 10 टन का कूलिंग सिस्टम अधिकतम एक हजार स्क्वेयर फीट क्षेत्र को ठंडा कर सकता है। इससे तापमान में 20 डिग्री तक की कमी हो सकती है। अहम बात ये है की आम एसी की तुलना में इस कूलिंग सिस्टम में बिजली का खर्च बहुत कम बैठता है। इससे 80 फीसदी तक बिजली की बचत होती है।(इस स्टोरी को आकार देनें में समाजसेविका माला सिंह ठाकुर का विशेष सहयोग रहा।)