रास्ते के अते-पते नहीं और बना रहे बस स्टैंड

10 करोड़ खर्च करने के बाद भी नहीं बनाई जा रही एप्रोच रोड़, मामला नायता मुंडला में तैयार हो रहा बस अड्डे का

देखा जाए तो पिछले तीन-चार से महानगर में सड़क-परिवहन एवं यात्री सुविधाएँ बुरी तरह से चरमरा गई है। शहर में आने जाने वाले यात्रियों की गुजर अस्थायी एवं सुविधाहीन बस स्टैंडों के सहारे हो रही है। इसी के मद्देनजर, महानगर के बाहरी क्षेत्रों में दो बस स्टैंडों का निर्माण कार्य चल रहा है। इनमे से एक बस स्टैंड जहां कुमेड़ी के पास बन रहा है, वहीं दूसरा नायता मुण्डला में बन रहा है। इनमें से एमआर-१० पर कुमेड़ी के पास बन रहे बस स्टैंड का काम जहां अंतिम चरण में है, वहीं नायता मुण्डला में १० करोड़ की लागत से बन रहे बस अड्डे को बनने में ४ से ६ माह का समय लग सकता है।
बायपास लिंक रोड़ पर से भी हटाना पड़ेंगे अतिक्रमण
नायता मुंडला बस स्टैंड से शहर की कनेक्टिविटी का एक अन्य विकल्प यह है कि मास्टर प्लान में निर्धारित पालदा, नायता मुंडला लिंक रोड़, रिंग रोड़ पर तीन ईमली एवं नवलखा से जोड़ेगी। हाल फिलहाल में यह सड़क पालदा चौराहे से कुछ दूरी तक तो टू लेन है किंतु आगे सिंगल लेन है। यदि इसे आगे भी टू लेन बनाया जाता है तो अतिक्रमण हटान के साथ ही भूमि भी अधिग्रहित करनी होगी और यह भी आसान नहीं है। अब देखना यह है कि बसों के आवागमन के लिए आईडीए एवं निगम के अफसर कहां से रास्ते निकालेंगे?
पहुंच मार्ग का निर्माण नहीं होने से
स्टैंड की उपयोगिता पर संशय
इधर, १० करोड़ खर्च कर इंदौर विकास प्राधिकरण बायपास और पश्चिमी रिंग रोड़ के बीच नायता मुंडला में नए बस स्टैंड का निर्माण कर रहा है। बस स्टैंड के लिए एप्रोच रोड़ आईआर-२ के दोनों ही प्रमुख मार्गों खंडवा रोड़ और नेमावर रोड़ की ओ से ब्लाक है। वर्तमान स्थिति में एमआर-१० से खजराना-नेमावर रोड़ तक तो आईडीए एवं नगर निगम इसे टुकड़ों में बन रहा है, लेकिन नेमावर रोड़ से आगे का हिस्सा कौन बनाएगा, अभी यह तय नहीं है। फिर, यहां सड़क के दोनों ओर कई निर्माण हो चुके है। इन्हें हटाकर बस स्टैंड तक एप्रोच रोड़ बनाना आसान नहीं है। इससे बस स्टैंड की उपयोगिता को लेकर भी संशयपूर्ण स्थिति है।
अस्थायी बस स्टैंड पर नहीं है यात्री सुविधाएँ
यहां पर यह प्रासंगिक है कि शहर से यातायात के दबाव को कम करने के लिए अफसरों ने सरवटे बस स्टैंड पर आने वाली अंर्तराज्यीय बसों को यहां से बाहर करने की योजना बनाई है। सरवटे बस स्टैंड को तोड़कर मास्टर प्लान के हिसाब से निर्माण कार्य भी किया जा रहा है और जल्द ही इसे जनता को समर्पित भी कर दिया जाएगा। इधर, नवलखा बस स्टैंड से चलने वाली बसें तीन ईमली स्थित बस स्टैंड से संचालित हो रही है। यहां पर यात्री सुविधाओं की दृष्टि से कुछ नहीं है। ना तो यात्रियों के बैठने के लिए प्रतीक्षालय है और ना ही पेयजल सुविधा। मतलब यह इन अस्थाई बस स्टैंड पर यात्री सुविधाओं के कोई इंतजाम ही नहीं है।

You might also like