बिजली गुल तो कर्मचारियों का कटेगा 1 माह का वेतन

विद्युत वितरण कंपनी का तुगलगी आदेश, आदेश से कर्मचारी संघ में रोष

If there is a power failure employees 1 month salary will be deducted
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इंदौर। बिजली कंपनी के तुगलकी आदेश से कर्मचारियों और अधिकारियों में हड़कंप मच गया है। आदेश में कहा गया है कि बिजली कटने पर एक माह का वेतन काटा जाएगा। कंपनी के इस आदेश से कर्मचारी संघ में रोष है। कर्मचारियों का कहना है कि हर बार हमें भी बलि का बकरा क्यों बनाया जाता है। आदेश के बाद कंपनी और कर्मचारी आमने-सामने हो गए हैं।

प्राप्त जानकारी के अनुसार बिजली कटने, ट्रांसफार्मर खराब होने पर कर्मचारी की सैलरी से सुधार की राशि ली जाएगी। इस मामले में बिजली विभाग ने एक महीने की सैलरी काटने का आदेश जारी कर दिया है।

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सुधार राशि का 20 प्रतिशत उस कर्मचारी-अधिकारी को देने होंगे जिसकी लापरवाही से ट्रांसफार्मर खराब हो जाता है। सरकार ने यह नियम अभी सिर्फ शहरी क्षेत्रों में ही लागू किया है। वहीं अब इस पर सियासत शुरू हो गई है। जहां कांग्रेस ने आदेश को तुगलकी बताया है, वहीं भाजपाइयों ने उन्हें ट्रांसफार्मर की कीमत का पता करने की राय दे दी।

कांग्रेस-भाजपा के तर्क

-कांग्रेस प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा का कहना है कि जिम्मेदारी तय कर सकते लेकिन वसूली नहीं कर सकते। दोषी ठहराना है तो सिर्फ कर्मचारी ही क्यों बड़े अधिकारी आदेश से बाहर हैं। सैलरी तो अधिकारी और मंत्री की कटना चाहिए।

कांग्रेस कर्मचारियों के साथ है और ये आदेश वापस कराकर रहेंगे। -भाजपा नेता राहुल कोठारी का कहना है कि कंपनी को ऑटोनमास बनाया है तो उसे इस तरह के निर्णय लेने का अधिकार है।

इसलिए लगता है कि कोई भी तकनीकि पहलू या इस तरह के फैसले लेने से पहले कोर्ट या विद्युत नियामक आयोग से बात करनी चाहिए। कांग्रेस को इस पर राजनीति करने का कोई अधिकार नहीं है।

पुराने पर लागू नहीं

नियम अनुसार शहरी क्षेत्र में प्राकृतिक आपदा से खराब हुए ट्रांसफार्मर, वाहन दुर्घटना में खराब हुए ट्रांसफार्मर, ऐसे ट्रांसफार्मर जो 20 वर्ष से अधिक पुराने हो चुके हैं।

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