गुस्ताखी माफ़ – कहीं पे निगाहें, कही पर निशाना….फील गुड में चल ही रहा है काम…आखिर महापौर को किसने रुकवाया…

usha thakur गुस्ताखी माफ़

कहीं पे निगाहें, कही पर निशाना

इ न दिनों महू की विधायक और मंत्री उषा दीदी के बोले शब्द बाजार में घूमना शुरू हो गए हैं। उन्होंने इस बार बड़ी अदावत से क्षेत्र के कार्यकर्ताओं से फिर कहा कि वह तो अपने पुराने क्षेत्र में वापस जाना चाहती हैं। यानी क्षेत्र क्र. 1 में वापस लौटने की प्रक्रिया शुरू कर रही हैं। इस एक तीर से उन्होंने कई निशाने लगा दिए हैं। पहला तो उन्होंने जब महू में आकर चुनाव लड़ा था उस दौरान भी अपने भाषण में कहा था कि वे यहां आना नहीं चाहती थीं परंतु राजनीति की शिकार हो गईं। उनके भोले चेहरे से क्षेत्र के लोग भी प्रभावित हो गए। अब इस बार महू में स्थितियां बेहतर नहीं हैं। यहां पर भाजपा के अंदर बाहरी उम्मीदवार को लेकर बड़ी बगावत चल रही है। कांग्रेस से भाजपा में गए कई नेता भी अब मान रहे हैं कि उनके लिए यह चुनाव आखरी होगा। अब ऐसे में उन्हें वापस यहीं से यदि चुनाव मैदान में उतरना पड़ा तो यह तमगा फिर उनके काम आएगा। दूसरी ओर क्षेत्र क्र. 1 में वे पहले से ही जमावट शुरू कर चुकी हैं। क्षेत्र क्र. 3 में उनके आगमन को लेकर पहले से ही कई भाजपा दिग्गज उधार बैठे हुए हैं।

फील गुड में चल ही रहा है काम…

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ए क बार फिर भाजपा में निगम मंडलों की नियुक्तियों की बयार शुरु हो रही है। हालांकि अब भाजपा के घर बैठे नेता भी यह समझ गये हैं कि चुनावों में अब एक साल भी नहीं बचा है। छह महीने के लिए मिलने वाली इस लालीपाप को दिखाकर भले ही कार्यकर्ताओं को काम पर लगाकर रखा जा सकता है। परंतु अब वे भी इस प्रकार की सूचनाओं से उत्साहित नहीं हो रहे हैं। दूसरी ओर भाजपा के समर्पित नेताओं का कहना है कि पहले राजा रजवाड़ों की बैसाखी पर टिकी सरकार ढाई घर से लेकर प्यादो तक को जगह देगी उसके बाद भाजपा कार्यकर्ता का नंबर आयेगा। ऊपर बैठे नेता भी जानते हैं कि कौन सुख की जान मुसीबत में डाले। सात लोगों को नियुक्तकरने के बाद सत्तर को दुशमन बनाने से कोई फायदा नहीं है। वैसे भी फिल गुड में इस समय सभी जी रहे हैं और महापौर के चुनाव में साफ हो गया है कि कार्यकर्ताओं के बगैर भी चुनाव जीता जा सकता है। गुस्ताखी माफ़

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आखिर महापौर को किसने रुकवाया…

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श हर में दो दिन पूर्व मामाजी यानी मुख्यमंत्री राइजिंग स्कूल के शुभारंभ के लिए इंदौर आए थे। यहां पर अहिल्याश्रम स्कूल में आयोजित एक समारोह में ऐसी घटना घटी जो तेजी से भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच पहुंचती चली गई। यहां पर वाकिया ऐसा हुआ कि मुख्यमंत्री के पीछे कलेक्टर सहित अन्य अधिकारी के अलावा महापौर भी जा रहे थे परंतु छात्राओं पर गुलाब के फूल की पंखुड़िया फेंकने के कार्यक्रम पर मुख्यमंत्री के पीछे चल रहे महापौर को अधिकारियों ने रोक दिया। इस दौरान बाकी अधिकारी बकायदा चलते रहे और कार्यक्रम में केवल उन्होंने ही फूल फेंके। यहां से रोके जाने के बाद महापौर फिर पीछे चले गए। दूसरी और भाजपा के कई नेता भी इस कार्यक्रम में मौजूद रहे। पर उन्होंने मुख्यमंत्री से अपनी दूरी बना रखी थी। वहीं महापौर ही केवल उनके साथ लगें हुए थे।

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गुस्ताखी माफ़

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