lampi virus: देपालपुर के बाद मानपुर क्षेत्र में पहुंचा लंपी वायरस

200 गाय बीमार, सामुदायिक केन्द्र में सुबह से जुट रही भीड़

Lampi virus
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lampi virus इंदौर। दुधारू पशु गाय-भैंस को इन दिनों जानलेवा लंपी वायरस में चपेट में लेना शुरू कर दिया है। देपालपुर के बाद अब इस गंभीर बीमारी से मानपुर में 200 गाय-भैंस बीमार हो गई है। इन पशुओं के इलाज के लिए सामुदायिक केन्द्रों में सुबह से पशुपालकों की भीड़ जुट रही है। देर शाम तक केन्द्र पर पशुओं को टीका लगाने के साथ उनका इलाज किया जा रहा है।

कुछ दिनों से दूध के उत्पादन में कमी आने लगी तो विक्रेताओं को चिंता हुई। उत्पादन कम होने का कारण पता किया तो होश उड़ गए। जानकारी लगी की गाय, भैंस को लंपी वायरस ने अपनी चपेट में ले लिया है। इस संक्रमित बीमारी से इलाज के अभाव में पशुओं की मौत हो रही है। पशुओं की मौत के कारण दूध के उत्पादन में फर्क आया है। धीरे-धीरे ग्रामीण अंचलों में बीमारी फैलने लगी। हालत यह हो गए कि प्रशासन को पशुओं के हाट बाजार पर रोक लगाने के साथ पशु चिकित्सकों को सक्रिय करना पड़ा।

ग्रामीण क्षेत्र में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में आमजन का इलाज बंद कर पशुओं का ही इलाज हो रहा है। महू के वेटरनरी कॉलेज के डॉक्टरों को भी शासन ने पशुओं के इलाज में लगा दिया है। शहरी क्षेत्र में निगम ने गौशालाओं में टीकाकरण किया। लगातार पशुओं के स्वास्थ्य पर ध्यान देने पशु पालन विभाग लगा हुआ है, जहां भी पशुओं के बीमार होने की जानकारी मिल रही है, विभाग के डॉक्टर और अधिकारी मौके पर पहुंचकर उचित इलाज कराने में मदद कर रहे हैं। मानपुर नगर पंचायत क्षेत्र में रहने वाले पशुपालक मूलचंद जाट ने बताया कि लंपी बीमारी से नगर पंचायत में 200 गाय-भैंस बीमारी की चपेट में आ गई है। इससे ग्रामीणों में भय का वातावरण बना हुआ है। यहां एकमात्र सामुदायिक केन्द्र में सुबह 7 बजे से पशुपालक पहुंच रहे हैं, जो रात 10 बजे तक इलाज कराने के लिए डटे रहते हैं। बीमारी से बचाव को लेकर पंचायत अध्यक्ष की ओर से कोई प्रयास नहीं किए गए, जिससे संक्रमण कम होने का नाम नहीं ले रहा है।

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खुद कराने लगे सफाई

लंपी बीमारी मच्छर और मक्खियों के प्रकोप से बढ़ता है। बीमारी फैलने की जानकारी के बाद पशुपालक खुद अपने खर्च से बाड़ों की सफाई करने में जुट गए हैं। जिन बाड़े में वेंटीलेशन की व्यवस्था नहीं है, वहां तोड़फोड़ कर हवा की व्यवस्था की जा रही है। पशुपालकों ने कीटनाशक का छिड़काव करना शुरू कर दिया है, ताकि मक्खी, मच्छर खत्म हो सकें।

अब तक मौत नहीं

जल्द ही प्रशासन ने इस बीमारी से पशुपालकों को निजात नहीं दिलाई तो कई पशुओं की मौत हो जाएगी। हालांकि, मानपुर के पशुपालकों को यह राहत है कि अभी तक किसी भी पशु की मौत नहीं हुई है। सामुदायिक केन्द्र पर डॉक्टरों द्वारा पशुओं का बेहतर इलाज किया जा रहा है। अतिरिक्त समय में वे केन्द्र पर आए पशुओं का इलाज कर रहे हैं। महू एसडीएम अक्षत जैन के मुताबिक, यहां अतिरिक्त रुप से डॉक्टरों की तैनाती की जाएगी। महू में अब तक लंपी बीमारी के शिकार पशुओं की जानकारी नहीं मिली है, फिर भी सुरक्षा की दृष्टि से पशु चिकित्सालय में डॉक्टरों को पदस्थ रहने के निर्देश दिए हैं।

लंपी वायरस ने रोकी निगम की कार्रवाई, आवारा पशु अवैध बड़ों पर कार्रवाई टली

lampi virus news
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इंदौर। राजस्थान सहित मध्य प्रदेश के सीमावर्ती जिलों में तेजी से पैर पसार रहे लंपी वायरस का संक्रमण अब इंदौर में भी तेज हो गया है। यहां 81 पशुओं में इस संक्रमण का पता चला है, एक गाय की मौत भी हो गई है। इसे देखते हुए इंदौर नगर निगम ने आवारा पशु पक?ने और अवैध बा?े तो?ने की मुहिम फिलहाल टाल दी है। संक्रमित पशुओं के सेम्पल जांच के लिए भोपाल भेजे है।

लंपी वायरस को देखते हुए इंदौर जिला प्रशासन समेत पशु चिकित्सा विभाग ने जिले में अलर्ट जारी कर दिया है। शहर के 5 किलोमीटर के दायरे में पशुओं को वैक्सीनेशन देने का अभियान शुरू किया है। इंदौर के देपालपुर क्षेत्र में तेजी से संक्रमण फैल रहा है। यहां पूर्व में 3 पशुओं की मौत हुई थी, इसके बाद अब इंदौर के अन्य क्षेत्रों में भी इस संक्रमण का शिकार बड़ी संख्या में पशु हो रहे हैं। शहर के 81 पशुओं में लंपी वायरस के संक्रमण मिलने के बाद पशु चिकित्सा विभाग ने सभी के सैंपल भोपाल स्थित राज्य की वायरोलॉजी लैब में जांच के लिए भेजे हैं। वहीं संक्रमित पशुओं के लिए अलग से आइसोलेशन क्षेत्र बनाए जा रहे हैं, दरअसल हाल ही में देपालपुर समेत उज्जैन, मंदसौर, नीमच, नागदा और खाचरोद आदि इलाकों में संक्रमण का पता चला था,जिसमें बड़ी संख्या में पशुओं की मौत हुई थी. इस बीच अब उज्जैन से लगे सीमावर्ती इलाकों में भी सतर्कता बरती जा रही है। लंपी वायरस से अधिकतर संक्रमित पशु 2-3 सप्ताह में ठीक हो जाते हैं। किन्तु दूध उत्पादकता में कमी कई सप्ताह तक बनी रहती है। मृत्यु दर 15 प्रतिशत है किन्तु संक्रमणता की दर 10-20 प्रतिशत रहती है।

 

निगम ने आवारा पशु की कारवाई रोकी

चार दिन पहले अधिकारियों को सख्त लहजे में आवारा पशु और अवैध बाडे तोडने का आदेश जारी करने के बाद फिलहाल निगम कमिश्नर प्रतिभा पाल ने कारवाई कुछ दिनों के लिए टाल दी है। हालांकि निगमन के पास डोन स्तर पर अवैध बडो की सूची तैयार है, जिसे आने वाले दिनों में कारवाई के लिए निर्देशित किया जाएगा।

600 पशुओं को रोज टीके लगाने का लक्ष्य

इंदौर जिला प्रशासन ने पशुओं के लिए टीके खरीदने की राशि जारी कर दी है। डॉक्टरों के मुताबिक शहर में 600 पशुओं को रोज टीके लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। वहीं संक्रमित पशुओं से अन्य स्वास्थ्य पशुओं में संक्रमण न फैले इसके लिए पशुओंं के आइसोलेशन क्षेत्र बनाए जा रहे है, जिससे कि संक्रमण को बढ़ने से रोका जा सके, फिलहाल जिले में 7500 पशुओंं का टीकाकरण किया जा चुका है। जबकि शेष पशुओं को अगले एक माह में टीके लगा दिए जाएंगे। lampi virus

 

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