बाजीराव पेशवा ने मल्हार राव होलकर को पुरस्कार स्वरूप दिया था इंदौर शहर

तीन दशक का इतिहास संजोए देश सबसे स्वच्छ हमारा शहर

इंदौर. मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी और मिनी मुंबई के नाम से मशहूर इंदौर शहर का इतिहास बहुत पुराना है. क्षिप्रा की सहायक नदी सरस्वती और कान्ह धाराओं पर स्थित इंदौर शहर मध्य प्रदेश का सबसे फेमस शहर है. बताया जाता है कि सन 1715 में स्थानीय ज़मींदारों ने इन्दौर को नर्मदा नदी घाटी मार्ग पर एक व्यापारिक केन्द्र के रूप में बसाया था. पहले इन्दौर का नाम इन्दुर था, लेकिन 1741 में बने इंद्रेश्वर महादेव मंदिर के चलते नाम बदलकर इंदौर पड़ गया. 18वीं सदी में होलकर राजवंश के मल्हार राव होलकर ने इस शहर को विकसित किया था पहले इसका नाम इंदूर था. बताया जाता है कि होलकर कबीले के मल्हार राव होलकर ने दूसरे पेशवा बाजीराव प्रथम की तरफ से युद्ध पर विजय पाई थी जिसके फलस्वरूप 1733 में बाजीराव पेशवा ने मल्हार राव होलकर को पुरस्कार स्वरूप इंदौर शहर दे दिया था.

उन्होंने मालवा के दक्षिण पश्चिम क्षेत्र को अपने कब्जे में लेने के बाद इंदौर को अपनी राजधानी बना लिया. उनकी मृत्यु होने के बाद गद्दी पर दो और शासक बैठे हालांकि तीसरी शासिका अहिल्या बाई होल्कर ने 1765 से 1795 ईसवी तक होल्कर राजवंश की राजधानी बनाया. इंदौर शहर 1818 में ब्रिटिश शासन के अधीन हो गया. इंदौर शहर बहुत पुराना शहर है. 1715 के मध्य उज्जैन से ओंकारेश्वर यात्रा के बीच एक खुशनुमा ये पहाड़ हुआ करता था, लेकिन आज महानगर में तब्दील हो गया है. इंदौर शहर अब मुंबई का रूप लेता जा रहा है. स्वर कोकिला लता मंगेशकर का जन्म इसी शहर में हुआ था. शिक्षा के केंद्र के रूप में उभरे इंदौर शहर को मध्य प्रदेश की व्यावसायिक राजधानी के रूप में भी जाना जाता है. मालवा का सबसे बड़ा शहर इंदौर ही है.
इंदौर मध्यप्रदेश का प्रमुख वाणिज्यक और औद्योगिक केंद्र इंदौर है और इसके आसपास 5 हजार से ज्यादा छोटे बड़े उद्योग स्थापित हैं. इनमें टाइल्स, सीमेंट, कपड़ा, रसायन, दवा, खेल के सामान, फर्नीचर के अलावा इलेक्ट्रानिक्स के उद्योग शामिल हैं. वहीं पुराने उद्योगों में तेल की मिलें, लाख की चूड़ियां, मिट्टी के बर्तन, बुनाई छपाई और रंगाई उद्योग शामिल हैं. गेहूं-मूंगफली और सोयाबीन के प्रमुख उत्पादक इंदौर शहर अपने मसालेदार भोजन एवं नमकीन उद्योग के लिए भी काफी प्रख्यात है.

एक ही शहर में आईआईटी और आईआईएम
इंदौर देश के उन शहरों में शामिल है, जहां आईआईटी और आईआईएम जैसे प्रतिष्ठित संस्थान हैं. शहर में सन 1964 में देवी अहिल्या विश्वविद्यालय शिक्षा के एक बड़े केन्द्र के रूप में स्थापित हुआ था. अन्य शैक्षणिक संस्थानों की यदि बात की जाए तो एसजीएस इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी ऐंड साइंस, अंतर्राष्ट्रीय व्यावसायिक अध्ययन संस्थान, होल्कर विज्ञान, महात्मा गाँधी मेमोरियम मेडिकल कॉलेज, इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट, चोइथराम हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर जैसे बड़े संस्थान भी हैं.

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