सुलेमानी चाय-करोड़ों की कमाई पर खस्ताहाल ईदगाह….तुलसी का रस चूस-चूस कर पाड़े को कर दिया आड़ा…आकाश के पैरों में जगह तलाश रहे नेताजी…देर आये दुरुस्त लाये

करोड़ों की कमाई पर खस्ताहाल ईदगाह
इंदौर शहर की सदर बाजार ईदगाह डायमंड गार्डन जहां जिम्मेदारों के लिए करोड़ों की कमाई का जरिया बनी हुई है। वही ईदगाह अपनी खस्ताहाल पर आंसू बहा रही है। वक्फ नियम के अनुसार संपत्ति की कमाई का 93 प्रतिशत संपत्ति की देखरेख और गरीबों की पढ़ाई इलाज पर खर्च होना चाहिए, जबकि बाकी बचा 7 प्रतिशत वक्फ बोर्ड में जमा होना चाहिए, जहां एक ओर ईदगाह और डायमंड गार्डन की कमाई करोड़ों में है, फिर भी वहाँ साल में दो बार होने वाली नमाज का भी सही इंतजाम नहीं है। ईदगाह इस कदर खस्ताहाल हो रही है कि दीवारें तक दरक रही है, पुताई का तो सवाल ही नहीं उठता, जानामाज भी काफी पुरानी हो चुकी है, लेकिन जिम्मेदार डायमंड गार्डन का पैसा दुकानों का किराया और दूसरी आमदनी पता नहीं कहां खर्च कर रहे हंै। जिम्मेदारों का फर्ज बनता है कि अब जनता को हिसाब दे या जिम्मेदारी से इस्तीफा…
तुलसी का रस चूस-चूस कर पाड़े को कर दिया आड़ा


तुलसी अपने अंदर कई आयुर्वेदिक गुण रखती है और शरीर के लिए बड़ी फायदेमंद रहती है। कुछ ऐसा ही कारनामा हमारे मंत्री जी तुलसी सिलावट के साथ उनके फुदकीमार पट्टे भी कर रहे है, जो की तुलसी की पत्ती का रस चूस कर आधिकारियों को चमका रहे है, और इसी के साथ उन्हें कई तरह की सुविधाएं भी दे रहे है, जिस कारण अधिकारी इनके सामने नाचते नजर आते है। चंदन नगर के भू माफियाओं को चूसने के बाद इनका रुख अब खजराने की तरफ हो चला है, जहां ये अवैध स्लाटर और कई अवैध गतिविधियों में लिप्त याकूब पाड़े पर मेहरबान नजर आ रहे हंै। इसी के साथ शहर के कई माफिया इन्हें प्रशासनिक सुविधा के बदले मोटी रकम देते हंै और पीठ पीछे इन्हें गालियां भी देते हंै, लेकिन इस रंगदारी के रंग की मंजूरी तुलसी के आंगन से इन्हें मिली भी है या नहीं ये बात सोचने वाली है।
आकाश के पैरों में जगह तलाश रहे नेताजी


राजनीति हर दम नित नए आयाम सिखाती है। पिछले दिनों ईद की बधाई देने कैलाश विजयवर्गीय के दरबार पहुंचे शहर के एक मुस्लिम नेता कैलाश विजयवर्गीय के चरणों में जगह फुल होने के बाद आकाश विजयवर्गीय के कदमों में अपनी जगह तलाशने लगे, जहां से उन्हें फिलहाल तो आश्वासन के सिवा कुछ नहीं मिला। मजे की बात तो यह है कि 50 साल के नेता को 36 साल के विधायक के चरण छूने में कोई संकोच नहीं हुआ। खैर नेताजी को आकाश की छाया मिले न मिले लेकिन इस घटना से दूसरी कई दुर्घटनाओं से बचने से सबक जरूर मिलेगा। नेता जी का नाम जानने के लिए हमे फोन न लगाये, नेता जी भी बेफिक्र रहे कोई कितनी भी कसम दे हम किसी को नाम नहीं बताएंगे…
दुमछल्ला
देर आये दुरुस्त लाये


बीजेपी में रहकर अल्पसंख्यकों को संभाल पाना, लोहे के चने चबाने की तरह है, जिसके लिये पैसों के साथ-साथ बहुत सारी काबिलियत की भी जरूरत होती है। भाजपा नगर इकाई में अल्पसंख्यक मोर्चे नगर अध्यक्ष की घोषणा में देरी तो हुई, लेकिन फिर भी जो नाम सामने आया वह इस पद के लिए बहुत सटीक है। शेख असलम जो कि आज भी किसी बॉलीवुड स्टार को टक्कर दे सकते हंै। वहीं अपनी आजिजी और अख़लाक़ से दिलों को जितना भी जानते हंै। इसी के साथ शहर के अल्पसंख्यक समुदाय में बीजेपी की अच्छी पैठ बनाने में असलम नींव का पत्थर साबित हो सकते हैं।

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