Congress MP: नाथ के कमल का दामन थामने को लेकर फिलहाल मामला ठंडे बस्ते में
एक सीट के लिए भाजपा 20 सीटों पर नुकसान उठाना नहीं चाहती थी
नई दिल्ली (ब्यूरो)। अंतत: कमलनाथ (kamalnath) और उनके 11 विधायकों के कांग्रेस से भाजपा (bjp) में जाने को लेकर चल रही खबरों पर जहां विराम लग रहा है वहीं दूसरी और सूत्र बता रहे हैं कि अभी यह मामला ठंडा नहीं हुआ है। कमलनाथ के भाजपा में जाने को लेकर जो सबसे बड़ी दिक्कत सामने आ रही थी वह अकाली दल के साथ पंजाब में होने वाला समझौता है। भाजपा छिंदवाड़ा की एक सीट के बदले में सिक्खों के प्रभाव वाली 20 से अधिक सीटें खोना नहीं चाहती है, इसीलिए इस मामले को अभी रोका गया है। किसान आंदोलन समाप्त होने के बाद इस पर विचार होगा। Congress MP
एक ओर जहां पिछले तीन दिनों से कमलनाथ सहित उनके पुत्र नकुलनाथ के अलावा कांग्रेस के उनके समर्थकों ने अपने पोर्ट पोलियो से कांग्रेस का चुनाव चिन्ह हटा दिया था। इधर खुद भाजपा के मध्यप्रदेश के नेता भी संकेत दे चुके थे कि कमलनाथ भाजपा में आ रहे हैं। इसी के साथ उनके कट्टर समर्थक और पूर्व मंत्री सजन वर्मा तो भगवान राम की शरण में प्रवेश कर सोशल मीडिया (sosial Media) पर संदेश दे चुके थे।
चाणक्य के इशारे पर रोका गया पूरा कार्यक्रम, समर्थक वापस कांग्रेसी भये
इस बीच दिल्ली में अकाली दल सहित तमाम सिक्ख संगठनों ने कमलनाथ के भाजपा में प्रवेश को लेकर सख्त एतराज दर्ज कराया। पंजाब की इकाई ने भी विरोध किया। इसके कारण भाजपा कमलनाथ (bjp kamalnath) को प्रवेश देने के मामले में ठहर गई और अब किसान आंदोलन को लेकर भाजपा इंतजार करेगी, यदि यहां समझौता नहीं हुआ तो भाजपा को अकाली दल के साथ पंजाब सहित उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में भी कुछ सीटों पर समझौता करना है, जिसकी बातचीत जारी है। अकाली दल ने कमलनाथ के भाजपा में आने को लेकर अपना कड़ा एतराज दर्ज करवा दिया है। Congress MP
उल्लेखनीय है कि कमलनाथ को सिक्ख समाज दिल्ली दंगों में अभियुक्त मानता है। साथ ही उन्हें सिक्खों की हत्याओं के लिए भी दोषी मानते हैं। इसे लेकर इंदौर में भी जब वे मुख्यमंत्री थे तो गुरुद्वारे में उनके सम्मान के बाद सिक्ख समाज में विवाद हो गया था। हालांकि उन्हें ले जाने वाले अभी भाजपा में जा चुके हैं। भाजपा के वरिष्ठ सूत्र का दावा है कि कमलनाथ और नकुलनाथ के भाजपा में आने का मामला ठंडा नहीं हुआ है। अब केवल सही समय का इंतजार किया जाएगा। भाजपा छिंदवाड़ा की सीट के बदले अपनी कई सीटों का नुकसान नहीं चाहती है।
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अभी इस मामले में भाजपा के चाणक्य के संकेत के बाद मध्यप्रदेश इकाई ने भी चुप्पी साध ली है। इधर कमलनाथ के समर्थकों ने अपने पोर्टफोलियो पर वापस कांग्रेस का चुनाव चिन्ह लगाना शुरू कर दिया है। हालांकि यह भी बताया जा रहा है कि खुद कमलनाथ की राजनीति से त्रस्त होकर भाजपा में गए ज्योतिरादित्य सिंधिया भी अपना एतराज दर्ज करवा चुके थे। इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान से कोई राय नहीं ली गई थी। Congress MP
नकुलनाथ सहित आठ कांग्रेस नेताओं की सूची भाजपा के पास
उधर भाजपा के दो दिग्गज नेताओं ने दावा किया है कि नकुलनाथ (nakulnath) के साथ ही 8 कांग्रेस नेताओं की सूची भाजपा को मिल गई है जो नेता पार्टी में शामिल होने को तैयार हैं। जल्द ही वे भाजपा की सदस्यता गृहण कर लेंगे। उधर कांग्रेस ने दावा किया है कि कमलनाथ पार्टी छोड़कर कहीं नहीं जाएंगे। वे हमेशा कांग्रेस में बने रहेंगे।