शंकर ललवानी भी विधानसभा की दौड़ में शामिल

भारी मतों से चार बार के जीते केदारनाथ शुक्ला का टिकट काटा

Shankar Lalwani also joins the assembly race
Shankar Lalwani also joins the assembly race

इंदौर। भारतीय जनता पार्टी की दूसरी सूची आने के बाद अब यह तय हो गया है कि भाजपा के किए गये सर्वे कोई काम के नहीं रहे। इसी के साथ उम्रदराज होने का मामला भी समाप्त हो गया है। अब तीसरी सूची में भी भाजपा के आश्चर्यजनक फैसले देखने को मिलेंगे।

भाजपा के चार बार के विधायक केदारनाथ शुक्ला का टिकट काटे जाने के बाद इंदौर में भी कई क्षेत्रों में उम्मीदवार बदले जाने को लेकर संकट के बादल दिखने लगे हैं। दूसरी ओर जिन सीटों पर उम्मीदवार उतारे गये हैं उन सीटों को लेकर अलग से फैसले किए गये हैं। ऐसे में क्षेत्र क्रमांक १ से कैलाश विजयवर्गीय की दावेदारी के बाद क्षेत्र क्रमांक ३ में आकाश विजयवर्गीय की उम्मीदवारी यथावत रखने के संकेतभी मिल रहे हैं।

इंदौर के सांसद शंकर ललवानी भी मैदान में उतारे जा सकते है। कुछ क्षेत्रों में नये चेहरे देखकर आश्चर्य भी हो सकता है। अब सारे फैसले दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह की देखरेख में ही हो रहे हैं ऐसे में अब कमेटियों और संगठन का कोई औचित्य नहीं रहा। भारतीय जनता पार्टी की दो सूची में इस बार आश्चर्यजनक चेहरों को लेकर भाजपा का कार्यकर्ता भी समझ नहीं पा रहा है पर यह तय हो गया है कि इस बार सरकार बनाने के लिए भाजपा अपनी पूरी ताकत लगाने जा रही है। Shankar Lalwani also joins the assembly race

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आगे भी आने वाली सूची में कई दिग्गज मैदान में दिखाई देंगे। सूत्र बता रहे हैं कि जो सूची अभी जारी की गई इसके बारे में दिग्गज नेताओं को भी चंद घंटे पहले तक कोई जानकारी नहीं थी। ऐसे में तीसरी सूची में मालवा निमाड़ के कई पुराने दिग्गज मैदान में दिख सकते हैं।
वहीं पार्टी केवल जीत को आधार मान रही है उम्र का कोई मामला नहीं है क्योंकि दूसरी सूची में भी ७५ साल तक के उम्मीदवार भी मैदान में उतर चुके हैं। पार्टी ने यह संकेत दे दिया है कि तीन बार, चार बार जीतने का कोई महत्व नहीं है। इसलिए अब इन जगहों पर नये उम्मीदवार भी उतारे जा सकते हैं। संकेत मिल रहे हैं कि सांसद शंकर ललवानी भी चुनाव मैदान में उतरना चाहते हैं। ऐसे में इंदौर के तीन और दिग्गज नेता भी विधानसभा में दिख सकते हैं।

इस वजह से भाजपा मंत्रियों को उतार रही है चुनाव में ?

इंदौर। भाजपा द्वारा राजनीतिक पंडितों को चौंकाने वाले उम्मीदवारों की को घोषणा की जा रही है क्या वह पार्टी के थिंक टैंक और रणनीतिकार माने जाने गृह मंत्री अमित शाह द्वारा कराए गए दो गोपनीय सर्वे के आधार पर की जा रही है?मंगलवार को दिन भर इस बात की चर्चा रही।क्योंकि इस सूची में पार्टी ने अपने कई दिग्गजों को चुनावी समर में उतार दिया है। इनमें से कई नेता तो वे हैं जो पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़ेंगे।बताया जा रहा हैकि अमित शाह ने दो एजेंसियों से सर्वे कराया है और उस सर्वे के हिसाब से सूचियां जारी की जा रही हैं। इनमें से एक एजेंसी गुजरात की तो दूसरी महाराष्ट्र की है। ये एजेंसियां लंबे समय से भाजपा से जुड़ी हैं। और सर्वे कर चुनावी रणनीति से लेकर चुनावी मुद्दे और उम्मीदवारों के नामों पर वर्क करती हैं। मध्यप्रदेश में भी इन्हीं दो एजेंसियों को काम पर लगाया गया है। इन एजेंसियों की रिपोर्ट पर ही इन सीनियर नेताओं को टिकट दिया गया है। दिलचस्प यह है कि अधिकांश महत्वपूर्ण चुनावी बैठकों में शामिल होने वाले इन नेताओं को खुद नहीं पता था कि उन्हें चुनावी समर में उतारा जा रहा है।

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