ED Raid: 176 छापे सभी विपक्षी नेताओं के यहां
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के छापों का गणित
नई दिल्ली (ब्यूरो)। प्रर्वतन निदेशालय यानि ईडी ने छापों की कार्रवाई को लेकर आंकडे जारी करते हुए दावा किया है कि उनके द्वारा की गई कार्रवाई में मात्र 3 प्रतिशत छापे ही विधायकों, पूर्व विधायकों, सांसदों, पूर्व सांसदों पार्टी नेताओं के यहां मारे गए हैं। यानि कुल अब तक मारे गए 5906 प्रकरण पीएमएलए कानून के तहत दर्ज किए गए है। यह 2005 से 2023 तक के आंकडे है। यह कार्रवाई विधानसभा चुनाव के पहले तेजी से बढ़ जाती है और सबसे ज्यादा विपक्षी नेता निशाने पर रखे जाते हैं। परन्तु ईडी यह भी दावा किया है कि उनका सफलता का आंकडा 96 प्रतिशत है।
अब दूसरी ओर ईडी के दस्तावेजों में जाने के बाद जो जानकारी सामने आई है वह बता रही है कि 2014 से जनवरी 2023 तक मारे गए छापों की संख्या यूपीए यानि मनमोहनसिंह के कार्यकाल में मारे गए छापों से 4 गुना ज्यादा हो गई। यह कार्रवाई चुनावी मौसम में तेजी से बढ़ जाती है।
प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह के कार्यर्काल में मारे गए छापों की संख्या 200 ही थी। जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में 2018-19 में 562 मामले दर्ज किए गए। जबकि 2021-22 में यह संख्या बढकर 981 हो गई और वर्ष 2022-23 में यह संख्या बढकर 1180 तक पहुंच गई। ईडी द्वारा मारे गए छापों में लंबा समय प्रकरणों के निपटारे में लगाया जा रहा है और इसी कारण केवल 25 मामलों में ही ट्रायल पूरा हुआ है।
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