Nagar Nigam Indore : सड़क चौड़ीकरण के नाम पर 30 लाख का फर्जीवाड़ा
दूसरे झोन के उपयंत्री ने बिल बनाया, सेवानिवृत्तों के हस्ताक्षर करायें
इंदौर।
नगर निगम में सड़क निर्माण के साथ ही सड़क के चौड़ीकरण को लेकर ६० लाख रुपये के लगभग का बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। आश्चर्य की बात यह है कि इस फर्जीवाड़े में पैसों के लालच में अधिकारियों ने अपने दायरे के बाहर जाकर बिल बनवाने से लेकर बिल पास करवाने तक के ठेके लिए और अंतत बिलों को कोषालय तक पहुंचा दिया। जबकि सड़क की चौड़ाई जितनी बताकर भुगतान लिया गया है उतनी चौड़ी सड़क बनना ही तय क्षेत्र में संभव नहीं थी। फर्जी बिल पर सेवानिवृत्त अधिकारियों से भी हस्ताक्षर लेने के प्रयास किए गए। संभव नहीं होने पर उपयंत्री के हस्ताक्षर से ही बिलों को आगे बढ़ाने का काम किया। यह मामला खजराना के झोन क्रमांक १० से वार्ड क्रमांक ३९ के अंतर्गत जकरिया कॉलोनी में मुख्यमार्ग और बगीचे के आसपास सड़कों के सीमेंटीकरण करने को लेकर इस कार्य को करने के लिए केजीएन इन्फ्रास्ट्रक्चर को यह कार्य दिया गया था।
कार्यादेश नंबर क्रमांक ४७९ १५-१२-२०२० को यह फाइल स्वीकृत होने के बाद ५६ लाख ८३ हजार ३८३ रुपए में यह कार्य होना था। इस कार्य का जो वास्तविक बिल था वह प्रथम रनिंग बिल में ही २६ लाख ६२५ रुपए ले लिया गया अब इसके बाद ही इस कार्य में बड़ा खेल खेला गया।
अगला इस्टीमेट जो बनाया गया वह ३० लाख ८२ हजार ६८ रुपए का बना जो आकाश लशकरी के हस्ताक्षर से पूर्ण हुआ। आकाश लशकरी का इस झोन से कोई लेना देना नहीं रहा क्योंकि टैंडर पास होने के बाद ही आकाश लशकरी इस झोन से हटा दिये गये थे। इसके बाद यहां पर जिशान चिश्ती उपयंत्री बने जिन्होंने इस फर्जी बिल पर हस्ताक्षर करने से मना कर दिया। इसके साथ ही इस बिल की चली नोटशीट पर झोनल अधिकारी और सहायक/शिल्पज्ञ ने भी हस्ताक्षर नहीं किये। इस झोन पर पहले भास्कर मोयदे सहायक शिल्पज्ञ थे वे रिटायर हो गये थे उन्होंने भी हस्ताक्षर करने से इंकार कर दिया था। इसके उपरांत सिटी इंजीनियर अशोक राठौड ने भी इस फाइल पर हस्ताक्षर से इंकार किया। इसके बाद डी.आर. लोधी की साइन से यह फाइल भुगतान के लिए आगे बढ़ी थी।Nagar Nigam Indore Fraud
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