8900 कुल डिफाल्टर डुबाएंगे बैंकों के 18 लाख करोड़ रुपए
375 कारोबारियों ने 3.5 लाख करोड़ का बैंकों को चूना लगाया
नई दिल्ली। एक ओर जहां देश कोरोना के आने के संकट को लेकर अपनी तैयारी कर रही है तो दूसरी ओर देश की आर्थिक हालत बीमारी आने से पहले ही जर्जर होती जा रही है। लोकसभा में जहां देश के 50 टॉप कारोबारियों द्वारा 92 हजार करोड़ का कर्ज लेने के बाद वापस देने से हाथ ऊंचे कर दिए हैं, इसमें मेहूल चौकसी से लेकर नीरव मोदी तो शामिल है हीं वहीं सरकार ने अपने खजाने से बैंकों के 10 लाख करोड़ रुपए डूबत खाते में जाने के बाद जारी किए हैं। इधर ताजा आंकलन के अनुसार 8900 उद्योगपति जो डिफाल्टर हो चुके हैं और खुले तौर पर बोल चुके हैं कि वे लिया गया कर्ज वापस नहीं दे सकते। यदि इसे जोड़ लेंगे तो यह राशि बढ़कर 18 लाख करोड़ रुपए हो जाएगी। 8900 total defaulters will drown 18 lakh crore rupees of banks
वर्ष 2023 के आगमन के पहले ही कोरोना महामारी के चीन में फैलने के बाद पूरे विश्व पर इसका आर्थिक असर दिखना शुरू हो गया है। भारत की अर्थव्यवस्था मौजूदा वक्त में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहले से ही कर्ज लेकर सांस ले रही है, उसके लिए इस महामारी से लड़ना अब बेहद दुष्कर होगा। देश के अर्थशास्त्री भी कह रहे हैं कि सरकार के पास अब आने वाली महामारी से लड़ने के लिए कोई योजना नहीं है।
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