नजूल एनओसी समाप्त, नगर निगम और टीएनसी ही अब विकास अनुमति के समय जांच करेंगे

एनओसी को लेकर करनी पड़ती थी भूमि स्वामियों को लंबी मशक्कत, आजादी के पहले से मांगे जाते थे दस्तावेज

Nazul NOC
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इंदौर।

शहर के बाहर और शहर सीमा में बनाई जाने वाली टाऊनशिप को लेकर मध्यप्रदेश शासन के लोक सेवा ग्यारंटी अधिनियम के तहत शासकीय भूमि नहीं होने का प्रमाण पत्र शामिल किया गया था जिसे नजूल एनओसी कहा जाता था। इस एनओसी को लेने के लिए कालोनाइजरों को पसीने छूट जाते थे परंतु अब कलेक्टर द्वारा निकाले गये ताजा आदेश में अब सीधे नजूल विभाग से एनओसी की शर्त समाप्त हो गई है। नये आदेश में नजूल अधिकारी को समस्त नजूल भूमि के अधतन विवरण संबंधित स्थानीय निकाय और नगर तथा ग्राम निवेश अधिकारी को उपलब्ध करवाये जाएंगे ताकि वे उपकंडिका में उल्लेखित अनुमतियों को जारी करने के पूर्व आवश्यक संतुष्टी कर ले। नजूल अधिकारी भी समय के साथ हुए परिवर्तनों को स्थानीय निकाय और नगर तथा ग्राम निवेश विभाग के अधिकारियों को ध्यान में लाते हुए प्रतिवर्ष अब जनवरी माह में नजूल भूमि के अधतन वितरण की जानकारी उपलब्ध करायेंगे।

नजूल अनापत्ति प्रमाण पत्र को लोकसेवा प्रबंधन में शामिल कर भले ही लंबे समय से विभाग इसे उपलब्धि बता रहा हो परंतु शहर के आसपास विकसित होने वाली कॉलोनियों के लिए नजूल विभाग की एनओसी प्राप्त करना एक मिशन से कम नहीं है। हैरत की बात यह है कि जिन शासकीय अभिलेखों के आधार पर करोड़ों रुपए के सौदे हो रहे हैं। भूमि की बिक्री हो रही है रजिस्ट्रार कार्यालय में इन भूमियों की रजिस्ट्री हो रही है। बैंक करोड़ों रुपए के लोन दे रही है और उन्हें जब शासकीय अभिलेखों को शासन के समक्ष प्रस्तुत कियका जाता है तो शासन ही उसे स्वीकार नहीं करता है और इसी के साथ नजूल एनओसी की भी मांग करता है।Nazul NOC

अभी तक नजूल विभाग की एनओसी प्राप्त करने के लिए आवेदक को वर्ष १९५८ और ५९ की बी-१ खसरा एवं अधिकार अभिलेख की प्रतिलिपि के साथ वर्तमान नजूल खसरे की प्रति, नक्शा, नगरीय नक्शा, नजूल बकाया न होने का प्रमाण पत्र जो निजी भूमि पर लागू नहीं होता। डायवर्सन आदेश, नजूल पट्टे की सत्य प्रतिलिपि और ग्राम तथा नगर निवेश विभाग द्वारा अनुमोदित अभिन्यास लगाना होता है। इसके बाद ही नजूल एनओसी लेना एक दुष्कर कार्य था। नजूल एनओसी प्रमाण पत्र में मात्र वर्ष १९५८-५९ के राजस्व अभिलेखों की मांग का प्रावधान है परंतु इंदौर जिला प्रशासन स्वतंत्रता के २३ वर्ष पहले को आधार मानकर वर्ष १९२४-२५ के राजस्व अभिलेख भी मांगता रहा है। जबकि शासन के पास ही यह मौजूद नहीं थे।Nazul NOC

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अब इंदौर जिले के नये कलेक्टर टी इलैयाराजा द्वारा जारी किये गये पत्र क्रमांक २६६८ दिनांक २८ नवंबर २०२२ में मध्यप्रदेश नजूल भूमि निर्वतन नियम २०२० के परिपत्र में ज्ञात क्रमांक एफ-६-७५-२०१९ के अध्याय ९ की कंडिका १४३ में नजूल अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करने के संबंध में यह प्रावधान है कि उपकंडिका १ के अनुसार भूमि स्वामी के हक में धारित अथवा सरकारी पट्टेदार के रुप में धारित भूखंडों में निर्माण के पूर्व स्थानीय निकाय तथा नगर तथा ग्राम निवेश के अधिकारियों से ततसमय प्रभावशील विधि के उपबंधों के अंतर्गत अनुमतियां प्राप्त करना आवश्यक होता है।Nazul NOC

ऐसी अनुमतियां जारी करने के पूर्व स्थानीय निकाय तथा नगर तथा ग्राम निवेश के अधिकारी यह सुनिश्चित करते हैं कि उनके द्वारा जारी की जाने वाली अनुप्रति के आधार पर किसी ऐसे भूखंड पर निर्माण न हो जाये जो वस्तुत धारक द्वारा धारित न होकर राज्य शासन की दखल रहित या नजूल भूमि हो। अत इस प्रकार की समस्त नजूल भूमि की संपूर्ण जानकारी नजूल अधिकारी द्वारा नजूल भूमि के संपूर्ण जानकारी के साथ स्थानीय निकाय और नगर तथा ग्राम निवेश अधिकारी को उपलब्ध कराई जाए ताकि वे अनुमति जारी करने के पूर्व स्वयं संतुष्टी कर लें। नजूल अधिकारी समय के साथ हुए परिवर्तन की जानकारी भी हर साल जनवरी माह में दोनों विभागों को उपलब्ध करायेंगे।Nazul NOC

इसी के साथ यह भी आदेश निकाला गया है कि उपरोक्त नियम के तहत नजूल अधिकारी नजूल तहसीलदार, नजूल भूमि के विवरण संबंधित स्थानीय निकाय और नगर तथा ग्राम निवेश अधिकारियों को एक माह के भीतर उपलब्ध करा दे। इसके उपरांत नजूल अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी नहीं किये जाएंगे। नजूल अनापत्ति के समस्त प्रकरण आरसीएमएस पर दर्ज किये जाएंगे। आदेश दिनांक के एक माह बाद कोई भी नजूल अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी नहीं किया जाएगा।Nazul NOC

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