Ganesh Utsav 2022: दो साल बाद फिर मची गणेशजी की धूम
पांडालों में साज-सज्जा के साथ रौनक भारी उत्साह पूरे शहर में हजारों स्थानों पर गणेश उत्सव के आयोजन
इंदौर। कोरोनाकाल के दो साल बाद इस बार शहर में गणेश उत्सव की धूम मची हुई है। आज से गणेश चतुर्थी पर्व की शुरुआत हुई और सुबह से ही जहां खजराना गणेश, बड़ा गणपति गणेश सहित सभी गणेश मंदिरों में पूजा, अर्चना के साथ भक्तों का तांता लगा। वहीं शहर में छोटे-बड़े हजारों पांडालों में भगवान गणेश की प्रतिमा की स्थापना का दौर भी सुबह से ही शुरू हो गया था। ढोल, ढमाके, आतिशबाजी के बीच भक्त भगवान की मूर्तियां ले जा रहे थे।
इसी तरह लाखों घरों में भी भगवान की आराधना के लिए कल से ही तैयारियां शुरू हो गई थी। शुभ मुहूर्त में भगवान गणेश की स्थापना की गई। प्रथम पूज्य विघ्नहर्ता भगवान गणेश बुद्धि, बल, रिद्धि-सिद्धि के दाता है। हर वर्ष 10 दिनी गणेश उत्सव में जहां शहर में भव्य आयोजन होते आए है।
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वहीं कोरोना महामारी के दो साल तक कोई आयोजन नहीं हुए थे और इस बार बड़े स्तर पर भगवान गणेश की पूजा, अर्चना और महोत्सव मनाने के लिए तैयारियां कई दिनों से शुरू हो गई थीं। पूरे शहर में आज से गणेश उत्सव की धूम रहेगी। छोटे-बड़े पांडालों में सुबह-शाम आरती के साथ पूजन, दर्शन, महाप्रसादी वितरण के अलावा कई सांस्कृतिक कार्यक्रम, भजन, कीर्तन भी होंगे। अलग-अलग क्षेत्रों में बड़े पांडालों में हर वर्ग के लिए कोई न कोई आयोजन रहेगा। नंदानगर स्थित गणेश उत्सव के कार्यक्रम में विधायक रमेश मेंदोला द्वारा बच्चों के लिए फैंसी ड्रेस कार्यक्रम और श्रीमद् भागवत कथा जैसे आयोजन भी आज से शुरू किए जाएंगे। पूरे शहर में हजारों स्थानों पर गणेश उत्सव के कार्यक्रम हो रहे है।
खजराना मंदिर में सुबह 4 बजे से शुरू हुए दर्शन
खजराना गणेश मंदिर में अलसुबह से ही दर्शन शुरू हो गए थे। यहां शाम तक लगभग 1 लाख भक्त दर्शन करने पहुंचेंगे। महापौर पुष्यमित्र भार्गव, भाजपा नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे के अलावा कई जनप्रतिनिधियों ने पूजन, दर्शन किया।
इसके अलावा कलेक्टर मनीष सिंह और अन्य अधिकारियों ने भी मंदिर में पूजन, दर्शन किए। दर्शन के लिए 6 लेन बनाई गई थी। गर्भगृह के सामने सीढ़ियों से कतार में भगवान के दर्शन करवाए जा रहे थे। इसी तरह बड़ा गणपति मंदिर में भी दर्शन के लिए भक्त उमड़े। दोनों ही मंदिरों में पहले से ही आकर्षक साज-सज्जा के अलावा खजराना मंदिर में सवा लाख मोदक का भोग लगाया गया। जबकि बड़ा गणपति मंदिर में कई किलो सिंदूर से भगवान को चोला चढ़ाया गया।
शान-ओ-शौकत से आए होलकरकालीन गणेश