Nepali Beer: आदिवासियों के साथ नेपाली लोगों को भी छांग बनाने की अनुमति दी जाए-लालवानी

त्यौहारों पर बनाकर पिलाते है एक दूसरे को

इंदौर (Nepali Beer)। राज्य सरकार की हेरीटेज शराब नीति से प्रभावित होकर इंदौर के सांसद शंकर ललवानी ने नेपाल की नेपाली बीयर को भी शराब नीति में शामिल करने हेतु मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है।

Nepali Beer
आपने पत्र में नेपाली बीयर को इस नई नीति में जोड़ने का आग्रह किया है। इस मामले में नेपाली संस्कृति परिषद के राष्ट्रीय सचिव शैलेंद्र गुरंग ने एक ज्ञापन भी दिया था। इस मामले में सांसद शंकर लालवानी का कहना है कि नई आबकारी नीति में आदिवासी स्वसहायता समूह द्वारा निर्मित महूआ शराब की तरह नेपाली बीयर को भी सम्मिति करने से इस वर्ग के लोगों को विधि मान्य तरीके से इसके निर्माण और व्यापार की अनुमति मिल सकेगी।

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राज्य सरकार बीयर को मान्यता देती तो इससे समाज के लोगों को रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।क्या है नेपाली बीयर-चावल और जड़ी बूटियों से इस बीयर को बनाया जाता है। यहां का एक ब्रांड छांग (तिब्बती) धुंधले रंग की कम अल्कोहल वाली मदिरा है जिसे नेपाली बीयर कहा जाता है पर नशा जरुर करती है। नेपाली लोग इसे मेहमानों को प्रस्तुत करते हैं।

नेपाली बीयर ज्यादातर चावल से बनाई जाती है और इसमे स्वास्थ्य के लिए जड़ी बूटी का इस्तेमाल होता है। मध्यप्रदेश में साढ़े चार लाख से अधिक नेपाली है जो गुड़ी पूर्णिमा, दीपावली और दशहरे पर नेपाली बीयर का निर्माण करते है और समाज के लोगों को पिलाते हैं। (Nepali Beer)

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