Arms Licence: इंदौर में भी बढ़ते जा रहा हथियार रखने का क्रेज
लाइसेंस बनवाने के लिए जिला प्रशासन के पास पहुंच रहे सैकड़ों आवेदन
arms licence इंदौर। महानगर में हथियार रखने का क्रेज लगातार बढते जा रहा है। इसके चलते जिला प्रशासन के पास लाइसेंस के लिए सैकड़ों की संख्या में आवेदन पहुंच रहे हैं। हालाकि, हर किसी को लाइसेंस आसानी से नहीं मिलता, लेकिन फिर भी जैक-जरिया लगाकर लोग हथियार रखने की अपनी हवस को पूरा करने से बाज नहीं आ रहे।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश की आर्थिक राजधानी महानगर इंदौर में आम आदमी अपनी सुरक्षा को लेकर अत्यधिक सजग हो गया है। बढती असुरक्षा की भावना के चलते लोग अपने पास न केवल हथियार रख रहे हैं, बल्कि हथियार रखना अपनी शान भी समझ रहे हैं। यही वजह है कि जिले में ११ हजार से अधिक बंदूक व रिवाल्वर के लाइसेंसधारी हैं।
हालाकि सरकार ने पुलिस कमिश्ररी लागू कर दी है, लेकिन अपराधों में कोई कमी नहीं आई। इसे देखते हुए कहीं न कहीं जनता के मन में असुरक्षा की भावना भी घर करते जा रही है और इसके चलते लोग हथियार रखने के लिए लाइसेंस मांग रहे हैं। चूंकि इंदौर कारोबारी शहर है इसलिए जिनका लेन-देन का काम है या प्रतिस्पर्धा की स्थिति है, वह खासतौर पर हथियार रखना पसंद करते हैं। इसके अतिरिक्त लोगों में हथियार रखने का क्रेज भी बढते जा रहा है। सोशल मीडिया पर इसका असर भी अक्सर देखनेको मिलता है,जब लोग हथियारों के साथ अपना वीडियो शेयर करते हैं।
महानगर में वैसे देखा जाए तो कई लोगों के पास अवैध हथियार भी है। जिसके चलते अक्सर पुलिस द्वारा प्रकरण भी दर्ज किये जाते हैं। चूंकि महानगर के पास में ही धार, झाबुआ, आलिराजपुर, बड़वानी के सिकलीगर भारी मात्रा में अवैध हथियार जिनमे पिस्टल और रिवाल्वर भी शामिल है, तैयार करते है और उनकी सप्लाय इंदौर से ही देशभर में होती है। पिछले दिनों ऐसे कई सिकलीगर पुलिस की गिरफ्तर में भी आये और अवैध हथियार रखने वाले लोग भी पुलिस के हत्थे चढ़ चुके हैं। लाइसेंस नहीं मिलने पर कुछ लोग अवैध हथियार भी रखते हैं। arms licence
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