गुस्ताखी माफ़- कबिरा नौंचे (कार्यकर्ता) अब केश

भोपाल में नंबर बढ़ाने का रामबाण नुस्खा...

 गुस्ताखी माफ़- कबिरा नौंचे (कार्यकर्ता) अब केश

कबिरा नौंचे (कार्यकर्ता) अब केश

किसी समय में ताकतवर नेता के लिए उसका कार्यकर्ता ही हथियार होता था और नेता अपने कार्यकर्ता को हमेशा सज्जित करके रखता था ताकि जब मैदान में उतरे तो वह किसी से कमजोर नहीं दिखे परंतु अब बड़े पदों पर बैठे नेताओं को यह समझ में आ गया है कि कार्यकर्ता अब केवल हथियार है। जब जरुरत होगी तब उपयोग किया जाएगा। इसी के चलते पिछले कई वर्षों से भाजपा को वे ही लोग चला रहे हैं जो चलाते रहे हैं। हथियार राजनीतिक युद्ध के बाद केवल अपने घरों में अगले राजनैतिक युद्ध का इंतजार कर रहे हैं।

शहर के उन तमाम भाजपा नेताओं को इस सूचना के बाद शारीरिक और मानसिक दोनों ही झटके एक साथ लग सकते है। सूत्र बता रहे हैं कि निगम मंडलों से लेकर नगर निगम के एल्डरमेन का मामला अब पूरी तरह ठंडे बस्ते में चला गया है।

सपने में इन पदों पर पहुंचने के प्रयास करने अब पूरी तरह बंद करने होंगे। मामला ऐसा है कि पिछले दिनों मुख्यमंत्री के इंदौर आगमन पर जब भाजपा के संगठन के कुछ नेताओं ने नियुक्तियों को लेकर उनसे सवाल पूछे तो उन्होंने कहा कि अब कोई भी नियुक्तियां नहीं होगी। विधानसभा चुनाव के बाद ही अब इन नियुक्तियों पर विचार किया जाएगा। यानी इतिश्री नियुक्तिअध्याय समाप्त।

भोपाल में नंबर बढ़ाने का रामबाण नुस्खा…

इन दिनों भाजपा (BJP) की नई राजनीति में जन्मे युवा नेता भोपाल और दिल्ली में अपने नंबरों को बढ़ाने के लिए आर.के. स्टूडियों से अपनी दूरियों का प्रचार करने में व्यस्त हो गये हैं, जो लोग चुनाव से पहले आर.के. स्टूडियों में ज्ञान, ध्यान लेकर अपनी राजनीति को दुरुस्त कर रहे थे वे अब बता रहे हैं कि उनके आर.के. स्टूडियों से संबंध खत्म हो गये हैं।

 गुस्ताखी माफ़- कबिरा नौंचे (कार्यकर्ता) अब केश

साथ ही उनकी बातचीत भी अब नहीं के बराबर है क्योंकि भोपाल और दिल्ली में बैठे दिग्गज नेताओं के बारे में यह कहा जा रहा है कि उनके रिश्तों में खटास आ चुकी है ऐसे में आने वाले विधानसभा चुनावों में कोई ग्रहण नहीं लगे और आराम से विधानसभा के द्वार तक मार्ग प्रशस्त होता रहे जैसे अभी तक होता आया है इसके लिए यह प्रचार किया जा रहा है। बताने वाले तो यहां तक बता रहे हैं कि जादूगरों ने इन दिनों ज्ञान लेना भी बंद कर दिया है। वे भोपाल की तरफ अपने पैर करके सोने लगे हैं।

पेलवान के क्षेत्र में कांग्रेसी बांट रहे है मिठाई…

इन दिनों सांवेर में जहां कांग्रेस 54000 वोटों से निपटने के बाद वापस जैसे तैसे खड़े होने की कोशिश कर रही है और यह बीड़ा कांग्रेस के दो नेताओं ने उम्मीदवारी की आस में उठा रखा है। इसमे प्रेमचंद गुड्डू की पुत्री रीना सेतिया और कांग्रेस नेता पिंटू राठौड़ शामिल है। जहां सेतिया पिछले चार महीने से घर घर घूम रही है और इसी के साथ ड्रायफ्रूट और मिठाई के पैकेट भी कार्यकर्ताओं को दे रही है तो दूसरी ओर पिंटू राठौर भी यहां अलग अलग क्षेत्रों में घूमकर मिठाई बांट रहे हैं।

 गुस्ताखी माफ़- कबिरा नौंचे (कार्यकर्ता) अब केश

कुल मिलाकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं को हार के बाद जीत का आनंद मिल रहा है तो दूसरी तरफ भाजपा कार्यकर्ता शक्कर पारे के लिए भी तरस रहे हैं। क्षेत्र के तीनों बड़े नेता पेलवान, राजेश सोनकर, सावन सोनकर चुनाव के पहले क्या क्या नहीं बांट रहे थे।

शुद्ध घी के लड्डू से लेकर साड़ियां तक पहुंच गई थी परंतु अब भाजपा के कार्यकर्ता जहां पेलवान के घर से मिठाई खाकर वापस लौट रहे हैं तो दूसरी ओर राजेश सोनकर के यहां तो चाय के लाले भी पड़ गये हैं। सावन सोनकर इन दिनों मिल ही नहीं पा रहे हैं। ऐसे में भाजपा नेता अगले चुनाव तक मीठे के इंतजार में पलक पावड़े बिछाये इंतजार कर रहे हैं। अब तो दादा दयालु के भी क्षेत्र में दर्शन बंद हो गये हैं जो बदन भी हिला दे तो दस बीस हजार लोगों का खाना कर देते हैं।

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इंदौरी पक्षी अब दूसरे क्षेत्रों में उड़ रहे हैं…

जैसे-जैसे चुनाव का समय करीब आ रहा है इंदौरी नेताओं को अपने ठीयो की तलाश शुरु करनी पड़ रही है। कुछ ने नये घरौंदे देख लिये हैं और वहां पर चहचहाना भी शुरु कर दिया है। कांग्रेस के कई नेता इन दिनों मान रहे हैं कि शहर में उनकी दाल गलने वाली नहीं है और गल भी गई तो यहां रायता फैलाने वाले दाल का कबाड़ा कर देंगे। ऐसे में सुरक्षित अंतर ठेवा की तर्ज पर गांव गुरुओं की विधानसभा सीटें अब जगमगा रही है। इंदौर के जो नेता बाहरी क्षेत्र में जमावट कर चुके हैं उसमे सबसे पहला नाम रघु परमार का है वे इन दिनों सारंगपुर के आसपास लसुड़िया जागिर में चूने की लाईनें बिछाना शुरु कर चुके है।

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