शराब माफिया के मार खाये ट्रेनी आईएएस के तबादले की नोटशीट चलाई
हर दिन एक परमिट पर निकल रही है 3 डिस्टलरियों से पंद्रह ट्रक से अधिक अवैध शराब, बड़ी रकम पहुंची राजनेताओं के गलियारे
इंदौर।
पिछले दिनों कुक्षी में अघोषित शराब तस्करों द्वारा ट्रेनी आईएएस, तहसीलदार की पिटाई के बाद इस मामले की तह तक जाने के बाद जो जानकारी सामने आ रही है वह चौकाने वाली है। इंदौर की तीन डिस्टलरी से हर दिन लगभग पंद्रह ट्रक शराब का खेल हो रहा है। इसमे पीथमपुर स्थित पिंटू भाटिया की डिस्टलरी के बाद आनंद कड़िया की बड़वाह डिस्टलरी और रतन केडिया की डिस्टलरी शामिल है।
इन डिस्टलरी से निकली शराब वेयरहाउस न जाते हुए सीधे बाजारों में उतारी जाती है। मजेदार बात यह है कि किसी भी ट्रक के साथ ओरिजनल कापी परमिट की नहीं होती है। एक परमिट पर पांच से अधिक ट्रक निकाले जाते हैं। जहां गाड़ी पकड़ाती है वहीं पर परमिट का कामकाज शुरु होता है। आनंद केडिया और रतन केडिया की डिस्टलरी से शराब तस्करी का सारा काम सुमित मधोक के माध्यम से होता है। इस व्यक्ति के मोबाइल की यदि काल डिटेल निकाली जायेगी तो पता लग जायेगा कि रिंकू भाटिया सहित कौन कौन लोग इस खेल में हर दिन शामिल होते हैं।
कुक्षी में पिटाई और अपहरण कांड के बाद रिंकू भाटियों को बचाने के लिए इस समय बड़ी रकम भोपाल तक घूम रही है। रिंकू भाटियों को बचाने के लिए शराब के तीन बड़े अघोषित तस्कर जुट गये हैं। इनके गोली कांड में भी नाम उजागर हुए थे। यदि दो जिलों की शराब दुकानों और डिस्टलरी की जांच हो जाए तो एक दिन में ही दुध का दुध और पानी का पानी हो जाएगा। डिस्टलरी से शराब भेजने वाला और शराब रिसिव करने वाले दोनों ही आबकारी अधिकारी होते हैं। इसलिए इस खेल में पानी की तरह रुपया बह रहा है।
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