ik college society indore: नाचे कूदे बांदरी, खीर खाए फकीर

सोशल मीडिया का......शोर

ik college society indore: इंदौर। डमी उम्मीदवार की इसलिए कि वो जितनी चाहे उठापटक कर लेें, उनको को कुछ नहीं मिलना है क्योंकि खीर तो फकीर को ही मिलेगी। ये तो सिर्फ प्यादे हैं। अव दूसरा…..पूर्व सचिव ने पर्दे के पीछे से इतनी उछलकूद की लेकिन फिर खीर मिल गई कार्यवाहक को। ये फिर भी खाली हाथ मलते रह गए। जनता तो ये देखकर हैरान है कि सोसायटी के छोटे-मोटे पद के लिए लिए कितनी झटपटाहट कितना संघर्ष।

अब लोगों को कौन समझाए की डमी उम्मीदवार के 20 रुपए के बिल जब 2000 रुपए के बनेंगे तो संघर्ष तो बनता ही है। जब फर्जी मार्कशीट के मुद्दे की हवा निकली तो सचिव मंडली फिर परेशान हुई कि अब क्या करें।

क्योंकि जहां-जहां ये कथित फर्जी मार्कशीट की फोटो कॉपी लेकर गए, वहां-वहां के लोगों ने यकीन ही नहीं किया। क्योंकि सबको पता है की कौन फर्जी है और कौन ओरिजनल। सही वक्त आने पर ओरिजनल मार्कशीट सही जगह पहुंचा दी जाएगी। अंदर के सूत्रों की मानें तो इसी तरह का फर्जीवाड़ा सचिव मंडली ने फर्जी मेम्बरों को बनाने में भी किया था। अब इन झमेले में वो लोग भी फसेंगे, जिन्होंने उस नकली नोटशीट पर दस्तखत किए थे। क्योंकि उस मामले में एफआईआर करने का इशारा पुलिस अधिकारियों को ऊपर से हो चुका है। बस, चुनाव होने की देर है।

 

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मजे की बात ये है कि उन 2018 के मेम्बरशिप फार्मों पर नकली दस्तखत तो मरहूम बाबा के हैं और रसीदों पर उनके मरहूम भाई के 2020 के। अब दिन ब दिन सचिव मंडली की पोलें खुलती जा रही है।

आईके के पुराने लोगों ने और वहां के बाबा के पुराने विश्वस्त मुलाजिमों ने नए लोगों के हाथ में इतने सचिव मंडली के इतने कारनामे दे दिए हैं कि आने वाले वक्त में हो सकता कि ये सब शहर में दिखना बंद हो जाए। उनमें वो भी लोग भी शामिल जो अभी फख्र से खुद को उस्ताद का शागिर्द बताते घुम रहे हैं। वो इनकी पुरानी करतूतों से अनजान हैं।

सुबूत के आते ही ये सब अपना नाम इस शागिर्दों की लिस्ट से अपना नाम कटवाने के लिए जोर आजमाइश करेंगे। ik college society indore:
आने वाले वक्त के विश्वसनीय विस्फोटक और सनसनीखेज खुलासों के लिए बने रहे। क्योंकि जल्द ही दस्तावेज और अन्य साक्ष्य की सीरीज चलाई जाएगी चुनाव तक।

मार्फत,,,,, मेहबूब कुरैशी

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