अब भाजपा मध्यप्रदेश में भी करेगी गुजरात प्रयोग

अस्सी टिकट कांटने की तैयारी में संगठन

इंदौर ( वीरेन्द्र वर्मा )।

BJP will also do Gujarat experiment in MP
BJP will also do Gujarat experiment in MP


BJP will also do Gujarat experiment in MP प्रदेश में विधानसभा चुनाव की आहट आना शुरू हो गई है। सत्ताधारी भाजपा एम.पी. में गुजरात का प्रयोग अपनाने की तैयारी कर रही है। चर्चा है कि कई वर्तमान मंत्रियों एवं विधायकों के टिकट इस बार कट सकते है , जिनकी संख्या 80 के करीब बताई जा रही है। पिछले चुनाव में मिली हार से भाजपा अभी से रणनीति बनाने में लग गई है।

भाजपा आगामी विधानसभा में सारे घर के बदल डालो वाली नीति अपनाने पर विचार कर रही है। BJP will also do Gujarat experiment in MP पार्टी में संघ और भाजपा के वरिष्ठ पदाधिकारियों में इस बात को लेकर गंभीरता से मंथन चल रहा है। मंथन का बड़ा कारण 2024 का आम चुनाव है, जिसमें भाजपा अपने वजूद के राज्यों में हर हाल में पुराना प्रदर्शन दोहराना चाहती हैं। मतलब की 29 लोकसभा में से 28 की जगह पूरी 29 सीट ही जीतने का लक्ष्य हैं।

गौरतलब है कि पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने मध्यप्रदेश में वापसी की थी। मगर , ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अठारह और चार विधायकों से शिवराज ने दल बदल करवाकर कांग्रेस की सरकार गिरा दी थी । अठारह महीने बाद भाजपा सिंधिया के सहारे सत्ता में फिर काबिज हो गई।

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अब मध्यप्रदेश में 2023 के अंत में विधानसभा चुनाव होंगे। प्रदेश में कई मंत्रियों और विधायकों के क्षेत्रों में जनता के बीच भारी नाराजगी होने की रिपोर्ट संघ और भाजपा को मिली है।

शीर्ष नेतृत्व को आगाह किया

इसी आधार पर भाजपा और संघ के शीर्ष नेतृत्व में नए चेहरों के साथ चुनाव लड़ने का विचार चल रहा है।
बताया जाता है कि संघ ने भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को आगाह किया है कि वर्तमान मंत्रियों और विधायकों के भरोसे सत्ता हासिल नहीं कर सकते है। 122 विधानसभा सीटों में फिलहाल अस्सी से ज्यादा विधायकों की स्थिति कमजोर है और दोबारा जीतने की संभावना कम है। बचे 88 विधायकों में कांग्रेस के 83 विधायक और पांच निर्दलीय है।

इंदौर के छह में से पांच विधायकों के टिकट बदलने या काटने की सिफारिश

ऐसा कहा जा रहा है कि संघ ने इंदौर के छह में से पांच विधायकों के टिकट बदलने या काटने की सिफारिश की है। इसमें कई स्थाई विधायक भी शामिल है। याद रहे कि गुजरात में भाजपा ने जनता का अंतर्विरोध खत्म करने के लिए सत्तर फीसदी टिकट काट दिए थे और कई विधायकों को पूर्व विधायक बना दिया था। यहीं प्रयोग संघ – भाजपा मध्यप्रदेश में भी करने का मंथन कर रहे है। इसका बड़ा कारण है कि विधानसभा चुनाव नरेंद्र मोदी के चेहरे पर लड़ने का निर्णय हुआ है ना की शिवराज के चेहरे पर। अब देखना है कि गुजरात प्रयोग सफल होता है या नहीं ?

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