शेयर बाजार लहूलुहान

यूरोप से चली महंगाई की सुनामी ने हिला दिया

मुंबई। पूरे विश्व में महंगाई की हाहाकार के बीच भारत में भी अब महंगाई का असर बाजार के कारोबर पर दिखाई देने लगा है। आज सुबह शेयर बाजार खुलते ही 1200 अंकों की गिरावट के साथ शुरू हुआ। 13 जून के बाद यह सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई।

बीएसई मे 30 प्रमुख शेेयरों में से 28 मंदी की चपेट में आ गए हैं, जबकि नेशनल स्टाक एक्सचेंज के 50 में से 49 शेयर धड़ाम हो गए। दूसरी ओर अडाणी समूह के शेयरों में भी भारी गिरावट दर्ज की गई। अभी तक अडाणी समूह के शेयरों पर गिरावट का असर नहीं के बराबर रहता था। बाजार खुलते ही आई सुनामी की लहर 11 बजे अब थोड़ी कमजोर नजर आ रही है। लाल सेंसेक्स में अब थोड़ी हरियाली दिखने लगी है। हिन्दुस्तान यूनीलिवर, मारुति, अल्ट्राटेक सीमेंट और नेस्ले इंडिया अब हरे निशान पर है।

बाजार खुलते ही आई सुनामी की लहर अब थोड़ी कमजोर नजर आ रही है। लाल सेंसेक्स में अब थोड़ी हरियाली दिखने लगी है। हिन्दुस्तान यूनीलिवर, मारुति, अल्ट्राटेक सीमेंट और नेस्ले इंडिया अब हरे निशान पर है, बाकी 26 स्टॉक्स लाल निशान पर हंैै। अमेरिकी शेयर बाजारों में शुक्रवार को आई सुनामी में घरेलू शेयर बाजार आज डूब रहे हैं। सप्ताह के पहले कारोबारी दिन यानी सोमवार को बीएसई का 30 स्टॉक्स वाला प्रमुख संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 1466 अंकों की भारी गिरावट के साथ 57367 के स्तर पर खुला। वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज निफ्टी की शुरुआत भी 17188 के स्तर के साथ हुई।

इधर रुपया भी धड़ाम 80 के पार निकला

मुंबई। रिजर्व बैंक के तमाम प्रयास आज धरे रह गए। रिजर्व बैंक डॉलर के मुकाबले रुपये को मजबूत करने के लिए अरबों डॉलर बाजार में लगातार डाल कर 79 रुपए प्रति डॉलर पर रोकने के प्रयास में लगा था, परंतु फेडरल बैंक की ब्याज दरों को लेकर बैठक होने से पहले ही रुपया टूटकर 80 के पार पहुंच गया। अब रुपया पतला होने का असर बाजार में महंगाई पर भी दिखाई देगा।

डॉलर के मुकाबले रुपया सोमवार को अपने रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया है। यह डॉलर के मुकाबले रुपये का अब तक का सबसे निचला स्तर है। रुपये में गिरावट की बड़ी वजह यूएस फेड के मुखिया की तरफ से दिए गए संकेत हैं। यूएस फेड के चीफ जेरोम पॉवेल ने शुक्रवार को सेंट्रल बैंकों के साथ हुई मीटिंग में इशारों-इशारों में कहा था कि महंगाई को नियंत्रित करने के लिए ब्याज दरों में अभी ढिलाई संभव नहीं है। इन्हीं संकेतों के बाद रुपया और कमजोर हो गया। कारोबारी मान रहे हैं कि रुपया अब डॉलर के मुकाबले नया इतिहास रचने को तैयार हो गया है। 82 रुपए तक जाएगा।

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