10 प्रतिशत ने खाने की थाली आधी करवाई फुटपाथों पर खा रहे हैं अब विघार्थी

भोजनालयों में 50 रुपए की थाली हो गई है अब 90 रुपए की

इंदौर। देश मे बढ़ती महंगाई ने अब नोकरी पेशा लोगो की मुसीबत ओर बड़ा दी है। जो लोग पहले 40 से 80 रुपए में भरपेट भोजन कर लेते थे, वह अब आधी थाली लेकर अपना गुजर बसर कर रहे है।

वहीं होटल व भोजनालय में ऐसे लोगो की संख्या में इजाफा हुआ है जो दोनों समय का भोजन न करते हुए एक समय का भोजन करने को मजबूर हो रहे है। फुटपाथ व गली मोहल्लों में साग पूरी, पराठा व दाल रोटी की दुकानों पर अब लोग ज्यादा पहुंच रहे है। भोजनालयों के संचालकों ने स्वीकार किया कि महंगाई की मार उन लोगों पर सबसे ज्यादा पड़ रही है, जो बाजारों में काम कर भोजनालयों में खाना खाकर जीवन यापन करते है।

अहिल्या की नगरी में डगडग रोटी पग पग नीर की कहावत अब महंगाई की भेंट चढ़ गई है। यहां की होटलों ओर भोजनालय में मिलने वाला भोजन अब महंगाई की मार से आधा हो गया है। दैनिक दोपहर की टीम ने शहर की 50 से ज्यादा होटल व रेस्टोरेंट में जाकर पड़ताल की तो पता चला महंगाई के चलते भोजन की थाली की कीमतें बढ़ने से ज्यादातर लोग अब आधी थाली लेकर या एक समय का भोजन करने को मजबूर हो गए है।

जिन होटल व भोजनालयों में आधी थाली का चलन नही वहां लोगो ने आना बंद कर दिया है। इसकी जगह लोग फुटपाथों पर ठेले लगा कर पराठे, साग पूरी बेचने वालों के पास ज्यादा जाने लगे है। ऐसी जगहों पर भी महंगाई की मार देखी जा रही है। पहले 10 रुपए में 100 ग्राम पूरी व सब्जी आसानी से मिल जाती थी, जो अब 20 रुपए में हो गई है।

वहीं 5 रुपए में मिलने वाला पराठा अब 15 रुपए का हो गया है। जबकि 20 रुपए में सलाद के साथ मिलने वाली 4 बाटी व दाल अब 30 से 40 रुपए में मिल रही है वह भी बगैर सलाद के। इतना ही नही होटलों व भोजनालयों में जो थाली पहले 40 से 60 रुपए में मिलती थी वह अब 80 से 100 रुपए में मिल रही है।

पैसों की कमी के कारण आधी थाली मांगने वालों वालों को अब कोई रियायत नही मिलती। वही पापड़, सलाद, अचार, रायता व मीठा नही लेने पर इनकी कीमत के आधार पर कुछ पैसे जरूर कम कर दिए जाते है। मगर दाल चांवल, सब्जी रोटी में कोई कमी नही की जाती है। रेस्टोरेंट व होटल संचालकों का कहना है कि हम इनकी न तो संख्या कम करते है और न ही पैसे। ऐसे में कुछ लोग फुटपाथ पर पूरी सब्जी, पराठा या दाल बाटी खा कर अपना पेट भर रहे है।

अन्न क्षेत्र राम रोटी बनी आसरा

शहर के बाहर से आए छात्रों जो एक कमरे मे चार से छ की संख्या में रहते है उन्होंने अब राम रोटी का सहारा ले लिया है। ऐसे स्टूडेंट्स खजराना, सांई मंदिर रेन बसेरा में मिलने वाले भोजन का सहारा ले रखा है। शहर में पढ़ाई के लिए प्रदेश के अन्य जिलों से आए लगभग 75 हजार स्टूडेंट्स होस्टलों में रहते है। ऐसे ही कुछ स्टूडेंट्स से बात की तो उन्होंने बताया अब हम लोग फुटपाथ या चाट चौपाटी पर मिलने वाले खाने से काम चला लेते है, या फिर मंदिरों में चलने वाले अन्न क्षेत्रों के साथ ही राम रोटी योजना में मिलने वाले भोजन से पेट भर रहे है।

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