सरकार ने माना कर्ज 155 लाख करोड़ पहुंचा

अगले साल से देना है 6.23 लाख करोड़ रुपए केवल ब्याज

नई दिल्ली (ब्यूरो)। लोकसभा में सरकार पर कर्ज को लेकर जारी आंकड़ों ने स्पष्ट कर दिया है कि आने वाले समय में भारत पर जीडीपी का 100 प्रतिशत कर्ज हो जाएगा।

वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा में बताया कि भारत पर 155 लाख करोड़ का कर्ज होने जा रहा है, जो जीडीपी के 60 प्रतिशत से बेहद ज्यादा है।

उन्होंने यह भी कहा कि राज्यों के कर्ज को जोड़ लिया जाए तो कर्ज बढ़कर जीडीपी का 93 प्रतिशत और कुल 195 लाख करोड़ रुपए हो जाएगा। यानि 100 रुपए आय होने पर 100 रुपए पूरे कर्ज में चले जाएंगे। वहीं सरकार पर कर्ज का ब्याज अब हर साल 6.23 लाख करोड़ हो गया है। यानी कुल आय का 41 प्रतिशत ब्याज में ही देना होगा। अगले वर्ष से यह सारे ब्याज की किश्तें शुरू हो रही है जो विकास दर का 3.1 प्रतिशत है, जबकि भारत की विकास दर इस साल भी 7 प्रतिशत के आसपास ही रहेगी।

लोकसभा में वित्त राज्यमंत्री ने बताया कि मार्च 2021 में भारत पर कर्ज 138 लाख करोड़ था जो अब बढ़कर 155 लाख करोड़ के लगभग हो गया है। हालांकि उन्होंने कहा कि देश का आधार मजबूत है, इसलिए कर्ज का प्रभाव कम रहेगा।

दूसरी ओर पिछले दिनों अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने भारत पर कर्ज का आंकड़ा बढ़ने के साथ उसे विकास दर का 100 प्रतिशत बताया है। साथ ही यह भी कहा कि यह भारत में बड़े आर्थिक संकट को तैयार कर रहा है। मुद्रा कोष ने सरकार द्वारा अपनी ही बैंकों से 30 प्रतिशत से ज्यादा उठाए कर्ज को भी एक सांठगांठ बताया था।

भारत द्वारा उठाए गए कर्ज पर अब हर वर्ष 6.23 लाख करोड़ ब्याज देना होगा जो अगले वर्ष से प्रारंभ होगा। भारत पर अधिकांश कर्ज छोटी अवधि के होने के कारण ब्याज का भार ज्यादा है। सरकार को अब कर्ज चुकाने के लिए नए कर्ज लेने होंगे। इस साल भी सरकार 12 लाख करोड़ का नया कर्ज उठाने जा रही है।

picture credit – Hemant Malviya

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