विदेशी मुद्रा भंडार अब 5 माह का शेष रिजर्व बैंक अब डालर समेटने में जुटी

रुपया ऐतिहासिक गिरावट पर पहुंचा

मुम्बई (ब्यूरो)। रूपए के डालर के मुकाबले लगातार गिरने के बाद आज रूपया रिकार्ड निचले स्तर पर पहुंच कर 80.02 पैसे पर चला गया है। रिजर्व बैंक अब रूपए की कमजोरी को छोड़ कर खाली हो रहे विदेशी मुद्रा भंडार को बचाने में जुट गई है।

यदि छोटी अवधी के जमा विदेशी मुद्रा भंडार से निकाल दिए जाएंगे तो मात्र 4 से 5 माह का ही आयात भारत कर पाएगा। भारत को हर माह 60 से 70 अरब डालर का आयात करना पड़ रहा हैं। दूसरी ओर विदेशी निवेशकों द्वारा लगातार डालर निकाले जाने से भारत में डालर की आवक कम होने के साथ व्यापार घाटा भी रिकार्ड स्तर पर पहुंचने के साथ विदेशी मुद्रा भंडार भी 15 माह के निचले स्तर पर आ गया है।

घरेलू शेयरों ओर करंसी में लगातार कमजोरी का असर डालर के मुकाबले रूपए पर बढ़ रहा है। इसके चलते रूपया रिकार्ड निचले स्तर पर पहुंच गया है, हालांकि रिर्जव बैंक रूपए को बचाने के लिए बाजार में डालर लगातार छोड़ रहा हैं। वहीं दूसरी ओर रिजर्व बैंक के सामने अब विदेशी मुद्रा भंडार को बचाने की बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है। डालर के मजबूत होने के कारण रूपए पर भारी दबाव बन रहा है। वहीं दूसरी ओर भारत की अर्थव्यवस्था में आयात की बड़ी भूमिका है।

कच्चा तेल, कोयला खरीदने में अब सरकार को ज्यादा डालर देने पड़ रहे है। इसके चलते अब विदेशी मुद्रा भंडार तेजी से घट रहा है। हर माह 60 से 70 अरब डालर का आयात किया जा रहा है। इसी के चलते देश का स्वर्ण भंडार भी अब गिर कर 39.186 अरब डालर रह गया है।

दूसरी ओर अंतराष्ट्रिय मुद्राकोष के साथ स्पेशल ड्रांइग राइट्स भी घटकर 18.012 अरब डालर रह गया है। रिजर्व बैंक आने वाले दिनों में कई सामान के आयात पर बड़ी ड्यूटी लगाने की तैयारी भी कर रही है। विदेशों में नौकरी कर रहे परिजनों को भी डालर भेजने के लिए बड़ी छूट दी गई है।

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