होलकर परिवार की स्मृति में बनाई गई छत्रीबाग और कृष्णपुरा की छत्रियां बन गई इंदौर की पहचान
यादें जो.....यादगार हो गईं
अपने प्रथम प्रवास के दौरान माता अहिल्या महल में न ठहरकर छत्रीबाग स्थित मैदान में तंबू में ठहरी थीं
कृष्णा बाई होलकर के नाम से बनाईगई कष्णपुरा छत्री और कृष्णपुरा पुूल, इसी वजह से यहां का नम यही हो गया