दो कथा वाचक प्रदेश में अंधविश्वास और ढोंग धतूरे बांटकर धर्म का धंधा फैला रहे हैं

शिवराज सरकार में शामिल वरिष्ठ अधिकारी धर्म दर्शन के मर्मज्ञ ओपी श्रीवास्तव ने उधेड़ी परतें

भोपाल (ब्यूरो)। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के अपर सचिव और धर्म-दर्शन के मर्मज्ञ ओपी श्रीवास्तव ने प्रदेश के दो चर्चित कथावाचकों को समाज में अंधविश्वास फैलाने और धर्म को धंधा बनाने के लिए आड़े हाथ लिया है। उन्होंने अपने एक लेख में नाम लिए बगैर शिवपुराण करने वाले पं.प्रदीप मिश्रा और बागेश्वरधाम के धीरेंद्र महाराज की ओर इशारा किया है। उन्होंने लिखा है कि एक कथावाचक कहते हैं कि यदि कोई बच्चा पढ़ाई न करे तो चिंता की कोई बात नहीं। शिवजी पर बेलपत्र चढ़ा दें तो वो बच्चा फर्स्ट डिवीजन में पास हो जाएगा। दूसरा कथावाचक रुद्राक्ष और नारियल बांट रहा है।
उल्लेखनीय है टोटके बता-बता कर लोकप्रिय हुए कथावाचक पं. प्रदीप मिश्रा हाल ही में सोशल मीडिया में अपने बेटे के रिजल्ट को लेकर सुर्खियों में आए थे। उनका बेटा 8वीं में टोटकों के बाद भी फेल हो गया था। इस वाकये के साथ उनका वो बयान भी जमकर वायरल हुआ था जिसमें वे अपने श्रद्धालुओं के बच्चों को परीक्षा में पास कराने का आसान उपाय बताते नजर आते हैं। उनका कहना है कि यदि कोई बच्चा पढ़ाई न करे तो उसके माता-पिता को चिंता की कोई जरूरत नहीं। यदि वे शिवजी पर बेलपत्र चढ़ा दें तो वो बच्चा परीक्षा में फर्स्ट डिवीजन में पास हो जाएगा। दूसरे कथावाचक और अपनी अनूठी भागभंगिमा के लिए श्रद्धालुओं में लोकप्रिय बागेश्वरीधाम धाम के धीरेंद्र महाराज जीवन की समस्याओं के समाधान के लिए रुद्राक्ष और नारियल बांटते हैं। वे पिछले दिनों सागर के बीना में आयोजित उनकी कथा में श्रद्धालुओं को रुद्राक्ष व नारियल बांटने के दौरान भगदड़ मचने से चर्चा में आए थे। हिंदू धर्म की वर्तमान चुनौती शीर्षक से लिखे गए लेख में श्रीवास्तव ने लिखा है कि हमारी संस्कृति में ऋषि होते थे जिन्होंने सत्य को अनुभूत करके वेदों के रूप में प्रस्तुत किया।

इसके बाद वेदों के सत्य की सरल व्याख्या करने और उसे जीवन में क्रियान्वित करने के लिए स्मृति, पुराण, इतिहास ग्रंथ आदि रचे। दूसरी श्रेणी विद्वान और पंडितों की थी जो इन शास्त्रों का पठन-पाठन करके, शस्त्रार्थ करके, धार्मिक कर्म और परंपराओं के माध्यम से इस सत्य को आम जनता तक ले जाते थे। ष्

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