अडाणी समूह : बैंकों ने संपत्ति का ढाई गुना कर्ज दे डाला

जब सरकार और बैंक हो मेहरबान.....

नई दिल्ली (ब्यूरो)। देश के कई नामी-गिरामी उद्योगपति और कारोबारी बैंकों द्वारा उन्हें उनकी सम्पत्ति से दोगुने और तिगुने लोन देने के बाद देश से भाग गए हैं। यह सभी देश के सम्मानित उद्योगपति के नाम पर जाने जाते थे। इसमें विजय माल्या से लेकर मेहुल चौकसी और वीडियोकॉन समूह के मालिक भी हैं। बैंकों को अरबों रुपए का चूना लग चुका है। दूसरी ओर सरकार और बैंक इस समय अडाणी समूह के गौतम अडानी पर इस कदर फिदा है कि उन्हें उनकी कुल सम्पत्ति से ढाई गुना तक ऋण दो चुकी है। एक साल में ही बैंकें एक लाख सत्तावन हजार करोड़ रुपए दे चुकी हैं। इसे बैंक की भाषा में बेहद खतरनाक स्तर पर पहुंचा ऋण कहा जाता है। अडाणी समूह पर चार साल में उनकी कुल सम्पत्ति का 2.36 कर्ज हो गया है, यानी उनकी कुल सम्पत्ति एक रुपए है तो उस पर वे दो रुपए छत्तीस पैसे उठा चुके हैं।

गौतम अडाणी समूह इस समय देश में पहले और दूसरे नंबर के उद्योगपतियों में शामिल हो चुका है। वे लगभग सभी क्षेत्रों में इन दिनों अपनी कंपनियों को आगे बढ़ा रहे हैं। जैसे विजय माल्या और मेहुल चौकसी सहित कई उद्योगपति बैंकों के पैसों से ही बढ़ा रहे थे, इसके अलावा निवेशकों का भी शेयरों में लगा पैसा उन्हें मदद कर रहा था, परंतु यदि अडाणी समूह पर कोई भी संकट आया तो इसमें दो बैंकें पूरी तरह निपट जाएंगी। पिछले समय 2021 में भी जब उनके समूह के बारे में यह खबर उड़ी थी कि उनके समूह में बड़ी राशि विदेशों की लगी हुई है तो एक ही दिन में 55 प्रतिशत की गिरावट उनके शेयरों में दर्ज की गई थी तो वहीं अडाणी गैस के शेयर 37.5 प्रतिशत, अडाणी ग्रीन के शेयर 32.6 और अडाणी ऊर्जा के शेयर 37 प्रतिशत तक नीचे आ चुके हैं। हालांकि कल शेयर बाजार में गिरावट के बाद भी गौतम अडाणी की संपत्ति में उछाल देखने को मिला। 1.19 मिलियन डॉलर के इजाफे के साथ यह 107 मिलियन डॉलर पर पहुंच गई है। ब्लूमबर्ग की लिस्ट में अडाणी छठे और अंबानी 9वें स्थान पर हैं। बिजनेस स्टैंडर्ड के अनुसार इस समय अडाणी समूह का बड़ा कामकाज बैंकों के ऋणों से ही चल रहा है और इसके चलते बैंक लगातार ऋण दिए जा रही है। हालांकि अडाणी समूह की बैलेंसशीट उद्योग को मजबूत बताने में लगी हुई है और इसके चलते समूह पर कुल सम्पत्ति का ढाई गुना तक बैंकों का ऋण पहुंच चुका है, जिसे बैंकें अब खतरनाक स्तर पर मान रही हैं। इसके पूर्व भी सरकार कई उद्योगपतियों को कर्ज में माफी देकर लगभग लगभग 11 लाख करोड़ के कर्ज माफ कर चुकी है, यानी अडाणी समूह के संकट में आने पर देश के दो बड़े बैंक पूरी तरह तबाह हो जाएंगे।

वे इज्जतदार जो बैंकों को चूना लगा गए…
बैंकों द्वारा संपत्ति से अधिक ऋण दिए जाने के मामले में नीरव मोदी (पंजाब नेशनल बैंक 11 हजार 400 करोड़ रुपए), विजय माल्या (इलाहबाद बैंक 9432 करोड़ रुपए और 11 हजार 400 करोड़ रुपए), विक्रम कोठारी (3695 करोड़ रुपए), सहारा (5 हजार करोड़ रुपए), इंफोसिस (515 करोड़ रुपए), वीडियोकॉन (4 हजार करोड़ रुपए) यह सभी वे उद्योगपति रहे जब इनका कारोबार पूरे उछाल पर था और बैंक रेवडी की तरह ऋण दिए जा रही थी।

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