सुलेमानी चाय-फिर हाथ जोड़ते दिख रहे भावी पार्षद….आकाश की अजान पर हिजाब में छुपे बीजेपी के मुस्लिम नेता….हारने के बाद भी वार्ड 38 के लिए लकी रहे लक्की…विरोधियों को महंगा पड़ रहा असलम की जड़ो में दही डालना

फिर हाथ जोड़ते दिख रहे भावी पार्षद


इंदौर शहर में निगम चुनाव का बिगुल बजने को है भावी पार्षदों के जहाँ एक तरफ बदन में नरमी आने लगी है और वे फिर से झुक झुक कर चलने लगे है, वहीं दूसरी तरफ नेता जी के हाथों की सूजन उतरने लगी है। वह घर से बाहर निकल कर लोगों के हाथ जोड़ रहे हैं और चाय पानी के पैसे भी निकाल रहे हैं। कोरोनाकाल की वजह से लंबे समय से निगम चुनाव टलते आ रहे है, जिसकी वजह से भावी पार्षदों के चेहरे उतर गए थे और इसी के साथ हाथों में भी सूजन आ गई थी जिस वजह से ना तो वह ज्यादा किसी से बात कर रहे थे और ना ही खर्चा कर रहे थे, लेकिन चुनावी समर को देखते हुए कुछ दिन ही सही लेकिन जनता की इज्जत और पूछ परख बढ़ गई है।
आकाश की अजान पर हिजाब में छुपे बीजेपी के मुस्लिम नेता


शायद बीजेपी के पास दूसरे सारे मुद्दे खत्म हो चुके हैं, जिसमें महंगाई, गरीबी और बेरोजगारी है, तभी तो बीजेपी हर वक्त एक नया मुस्लिम विरोधी मुद्दा सामने ले आती है और अपने भक्तों को असल मुद्दों से भटका कर मुस्लिम विरोधी मुद्दों की आंच में सुलगाती रहती है, लेकिन इन सब में बेचारे बीजेपी में रहकर अपना जीवन व्यतीत करने वाले वे मुस्लिम नेता पिस कर रह जाते है, वे बेचारे ना घर के रहते हैं ना घाट के, और कौम के लोग उन्हें अब तो मुनाफिक की नजर से देखने लगे है, और शायद यह कुछ हद तक वे मुनाफिकी की सीढ़ियां चढ़ भी चुके है। ताजा मामला देशभर में चल रहे अजान विवाद को लेकर है, जिस पर इंदौर के विधायक आकाश विजयवर्गीय ने भी अपनी प्रतिक्रिया दे डाली। आकाश की प्रतिक्रिया के बाद जब आकाश के मुस्लिम प_ों से इस मसले पर राय जानना चाही तो बेचारे सभी हिजाब में अपना मुंह छुपाते नजर आए।
हारने के बाद भी वार्ड 38 के लिए लकी रहे लक्की


पिछले निगम चुनाव में व्यापमं का पैराशूट लेकर खजराना के वार्ड 38 में लैंडिंग करने वाले शाहाब (लक्की) गोरी जहां नया चेहरा होने की वजह से चुनाव हार गए थे, लेकिन शहर में हारने के बावजूद एक्टिव रहने वाले नेताओं में उनका नाम ऊपर है, हारने के बाद भी उन्होंने सांसद निधि और विधायक निधि से क्षेत्र में कई बोरिंग करवा दिए। वहीं दिग्गी से करीबी होने का फायदा इन्हें हमेशा से मिलता रहा। इसी के साथ क्षेत्र में जहां रहवासियों की समस्याओं को पार्षद अनदेखा कर रहे थे। वहां पर सिर्फ लकी को बुला कर समस्या दिखाना ही लोगो के लिए काफ़ी रहा। इसकी खबर जैसे ही हरीराम के जरिये उस्मान को मिलती दूसरे ही दिन वहां काम शुरू हो जाते। खैर कुछ भी हो लेकिन वार्ड 38 के लिए लक्की, लकी साबित हुवे।
दुमछल्ला
विरोधियों को महंगा पड़ रहा असलम की जड़ो में दही डालना
भारी विरोध के बावजूद शेख असलम अल्पसंख्यक मोर्चा में इंदौर नगर अध्यक्ष का पद ले आए, लेकिन अब बारी आती है दही लेकर उनके पीछे पीछे घूमने वाले नेताओं की। छोटे-मोटे नेताओं को छोड़ दें तो भी प्रदेश टीम के सभी इंदौरी नेता असलम के बैनर और पोस्टरों से गायब रहे, जिसमें नासिर शाह के साथ-साथ जहां दूसरे नेताओं को भी असलम के विरोध का खमियाजा भुगतना पड़ रहा है। वही पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सनावर पटेल भी असलम की फेहरिस्त में वरिष्ठों की सूची से बाहर रहे। इसी के साथ साथ अब अपने प_ों को नगर टीम में जगह दिलाने की जद्दोजहद कर रहे इन नेताओं को जहां असलम भाव नही दे रहे। वही इन्हें अब अपने प_ों के पदों के लिए इन नेताओं को अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष का दरवाजा खटखटाना पड़ रहा है, लेकिन वहां से भी इन्हें तसल्ली देने वाले जवाब नहीं मिल पा रहे है, वही अब इन्हें असलम की जड़ों में दही डालने का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है।

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