सुलेमानी चाय- रमजान के आखिर में जली सत्तू और जीतू की बत्ती…आखिर फट ही गई रमीज की कमीज… मस्जिदों में सदर साहब की आवाज बैठी…

रमजान के आखिर में जली सत्तू और जीतू की बत्ती…

पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को इंदौर से बहुत अच्छी नहीं फिर भी अच्छी जीत हासिल हुई थी, जिनमें सत्तू पटेल खजराना आजाद नगर से बहुत अच्छी लीड लेकर बहुत ही कम अंतर से हारे थे। जीतू पटवारी के क्षेत्र से भी मुस्लिम वोटिंग जीतू के पक्ष में थोक बंद हुई थी। इसी के साथ-साथ संजय शुक्ला को चंदन नगर से भारी समर्थन मिला था। देपालपुर से भी विशाल पटेल का भी मुस्लिमों ने अच्छा साथ दिया था, लेकिन लगता है सभी नेताओं ने अपने पक्ष में हुए इन वोटों को नजरअंदाज करना शुरू कर दिया है। हर साल रमजान के महीने में दिल्ली भोपाल के साथ-साथ शहर में भी कई इ तार पार्टियां होती थी, लेकिन इस बार मुस्लिम वोटों से जीतने वाले विधायक भी मुस्लिमों को दरकिनार करते नजर आ रहे हैं, अभी अंत में अखबारों में छपी खबरों के बाद सत्तू पटेल और जीतू पटवारी की बत्ती जली है। सत्तू पटेल खजराना में बड़ी इ तार पार्टी का आयोजन कर रहे हैं। वहीं जीतू पटवारी भी अपने क्षेत्र में इ तार की महफिल सजा रहे है, बाकी संजय शुक्ला विशाल पटेल अब तक नहीं जागे है। शायद उनकी नींद ईद के बाद ही खुले और हो सकता है इसका खमियाजा उन्हें अगले चुनाव में उठाना पड़े।
आखिर फट ही गई रमीज की कमीज…

मुस्लिम नेता कांग्रेस और बीजेपी में हमेशा से नजरअंदाजी का आरोप लगाते रहते हैं, जो कुछ हद तक सही भी है, लेकिन कई बार पद मिलने के बाद घर में बैठने वाले नेताओं की वजह से दूसरे कार्यकर्ताओं को जगह नहीं मिल पाती, इसका जीता जागता सबूत शहर के पुराने युवा कांग्रेस अध्यक्ष रमीज़ खान है, जिन्होंने पद मिलने के बाद तो अखबारों में बड़ी फोटोबाजी की थी, लेकिन पद लेकर घर में बैठ गए, और शहर युवा कांग्रेस को इतना कमजोर कर गए कि अब कांग्रेस को दो युवा अध्यक्ष बनाना पड़ रहे हैं। रमीज़ का पूरे कार्यकाल में कोई बड़ा आयोजन नहीं है, इसके अलावा कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन में रमीज़ की मौजूदगी गेर मौजूदगी के बराबर ही रही। प्रदेश आलाकमान ने पूरे प्रदेश में एक बूथ, 5 यूथ का अभियान भी चलाया था जिसका पूरे प्रदेश से अच्छा रिस्पांस मिला लेकिन इंदौर से युवा अध्यक्ष अपने वार्ड से ही हर बूथ पर 5 यूथ खड़े नहीं कर सके। इतनी नाकामी के बाद तो रमीज़ की कमीज तो फटना ही थी, युवा कांग्रेस का कबाड़ा करने के बाद इतने स मान के साथ विदाई भी बड़ी बात है, जिसके लिए रमीज़ बधाई के पात्र है।
मस्जिदों में सदर साहब की आवाज बैठी…
रमजान की आखिरी अशरे तक पहुंचते-पहुंचते मस्जिदों में सदर साहब ओर कमेटी की हालत पतली हो चली है, ना, साहब रोजे की वजह से नहीं, चंदा मांगते मांगते बेचारे इतना खर्च जो करना पड़ता है, इतनी मेहनत से दो साल पहले बड़े बड़े कूलर लाये, रमज़ान में गर्मी बढ़ी तो दूसरे साल डक्ट लगवाए। अब अगले साल जनता की ऐसी की तैसी करने के लिए एसी की तैयारी है, खैर कमेटी जाने, लेकिन क्या मस्जिदों से दूसरे भलाई के काम नहीं हो सकते जिसमें हम इंसानियत की फिक्र कर सके ऐसे कुछ काम इंदौर की कुछ मस्जिदों में चल रहे है जिसमें आज़ाद नगर की मस्जिदों में हक मस्जिद में रमजान में बाहर से पढ़ने वाले स्टूडेंट के लिए सेहरी का इंतेजाम बीएमबी ग्रुप करता है। वहीं की मोह मदी मस्जिद जहाँ से गरीब लोगों के लिए राशन किट का इंतजाम, छोटी गवालटोली कि मस्जिद जहां मस्जिद के तरफ से मस्जिद में ही एक क्लीनिक बन रहा है, जो सभी मजहब (धर्म) की सेहत की फिक्र करेगा। नल, टोटी कूलर, एसी, ये काम तो होते रहेंगे मस्जिद से थोड़ी फिक्र इंसानियत के लिये भी होनी चाहिए।
दुमछल्ला
पिछले दिनों महिला मोर्चा की इंदौर ईकाई में बड़ा चमत्कार हो गया। हुआ यह कि एक ही प्रजाति से की गई नियुक्तियां बड़ी चर्चा में बनी हुई हैं। लग रहा है अल्पसं यक प्रकोष्ठ की ईकाई बन गई है। भाजपा में जब चलती है तो ऐसी ही चलती है। महिला मोर्चा में जिन नामों को लेकर बड़ी चर्चा है और उन्हें नियुक्ति दी गई है उनके नाम सरिता बेहरानी, कंचन गिदवानी, चंदा खत्री, सरिता मंगवानी, राधा तिर्थानी, सुधा सुखयानी, वर्षा मूलचंदानी शामिल है। इससे तो अच्छा होता कि अलग-अलग समाज की अलग-अलग महिला मोर्चा का गठन कर दिया जाता। जो भी हो अब जो होना था वह तो हो ही गया। चिड़िया भी उड़ गई और खेत भी चुग गया।
दैनिक दोपहर (सुलेमानी चाय) परिवार की तरफ से आप सभी को ईद की पुरखुलूस मुबारकबाद के साथ-साथ सुलेमानी चाय को इतने कम वक्तमें आप सभी की दी हुई इतनी मोहब्बतों का तहे दिल से शुक्रिया। -9977862299
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