इंदौर। सौगात मिलने के पहले ही कन्वेंशन सेंटर पर अवैध कब्जा हो गया। आलम यह है कि डेढ हजार उद्योगों के उत्पाद की जगह इन दिनों झुग्गी-झोपड़ियां नजर आ रही $है। हद तो यह है कि इस मामले में नगर निगम को शिकायत किए जाने के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। अब सवाल यह उठता है कि जमाने भर में अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही कर अपनी ही पीठ थपथपाने वाले नगर निगम की नजर यहां क्यों नहीं पड़ रही है।
उल्लेखनीय है कि भाजपा सरकार के ही शासन काल में लगभग तीन बरस पहले भाजपा सरकार के समय हाउसिंग बोर्ड के चेयरमेन कृष्णमुरारी मौघे ने कन्वेंशन सैंटर का भूमिपूजन किया था। इसे एक साल में बनकर तैयार हो जाना था, लेकिन यह तीन साल बाद भी तैयार नहीं हो पाया। दरअसल सेक्टर ई में इस कन्वेंशन सेंंटर का निर्माण होना था। लम्बे समय तक यह प्र$िक्रया चलती ही रही और जब निर्माण कार्य शुरू हुआ तो अतिक्रमण बाधा बन गया। चूंकि थोड़े बहुत अतिक्रमण थे, तो दूर कर दिए गए और निर्माण कार्य शुरू हो गया, लेकिन इसके कोरोना वायरस की सक्रियता और संक्रमण के चलते यह काम अवरूद्ध हो गया। बाद में जब यह काम शुरू हुआ भी तो इसकी गति काफी धीमी रही और अब अतिक्रमण की वजह से ही यहां महज ७० फीसदी काम संभव हो पाया है।
हाउसिंग बोर्ड की भी सुनवाई नहीं कर रहा नगर निगम
यहां पर यह महत्वपूर्ण तथ्य है कि निर्माण एजेंसी पिछले तीन साल से नगर निगम से यहां पर हो रहे अतिक्रमण की शिकायत कर उसे हटाने की मांग कर रहा है, लेकिन उसकी भी कोई सुनवाई नही हो रही है। हालात इतने गंभीर हैं कि कन्वेंशन सेंटर में आगम और निर्गम के प्रवेश व्दार भी नहीं बन पा रहे हैं। इस सेंटर के तीन ओर से झुग्गी-झोपड़ियों का अतिक्रमण हो रहा है और यहां पर उद्योगों के उत्पादों की बजाए झुग्गी-झोपड़ियों की प्रदर्शनी नजर आ रही है। एसोसिएशन आफ इंडस्ट्रीज को भी नहीं दी तवज्जो
मजेदार बात यह है कि जब सांवेर रोड स्थित इस कन्वेंशन सेंटर की आधारशिला रखी गई तब भी नगर निगम व्दारा एसोसिएशन आफ इंजस्ट्रीज को कोई तवज्जो नहीं दी गई। अब जबकि इस सेंटर का ७० फीसदी काम पूरा हो चुका है, लेकिन अतिक्रमण की वजह से बाकी तीस फीसद काम अटका हुआ है तो निगम इस ओर कोई ध्यान ही नहीं दे रहा है। दस साल से की जा रही थी मांग
देखा जाए तो उद्योग जगत व्दारा पिछले करीब दस साल से महानगर में एक सर्वसुविधायुक्त कन्वेंशन सेंटर की मांग की जा रही थी। इसके चलते, उद्योग विभाग व्दारा सांवेर रोड औद्योगिक क्षेत्र में सवा तीन एकड़ जमीन पर ढाई करोड़ रुपए की लागत से इसका निर्माण करना स्वीकृत किया था। भूमि पूजन के समय १.५ करोड़ रुपए की स्वीकृति मिली और अभी करीब ५० लाख रुपए मिलना बाकी हैं। समय के साथ लागत बढ गई । इस वजह से पैसों की कमी और अतिक्रमण के कारण अभी तक कन्वेंशन सेंटर का काम पूरा नहीें हो सका। ५० हजार में से १६ हजार वर्गफीट पर हो चुका है कब्जा
सांवेर रोड के ई सेक्टर में बन रहे इस कन्वेंशन सेंटर में २० हजार वर्ग फीट में हाल बनना तय हुआ था और इसका कुल ऐरिया ५० हजार वर्ग फीट है। इसमें से लगभग १६ हजार वर्गफीट पर अवैध कब्जा हो चुका है और यहां डेढ हजार उद्योगों के उत्पाद की जगह सैकड़ों झुग्गी-झौपड़ियों की प्रदर्शनी लग गई है। इस अतिक्रमण को हटाने के लिए कई बार स्थानीय प्रशासन और नगर निगम से हाउसिंग बोर्ड व्दारा गुहार लगाई गई, लेकिन नतीजा सिफर ही रहा। कांट्रेक्टर की मौत के बाद दोबारा हुए थे टैंडर
कन्वेंशन सेंटर बनाने का पहला कांट्रेक्ट बंसल कंस्ट्रक्शन को दिया गया था। इसके मालिक राजेन्द्र बंसल का निधन होने के बाद बचा हुआ काम कराने के लिए एक अन्य कंपनी उमा कंस्ट्रक्शन कंपनी को सौंपा गया। बावजूद इसके, यहां पर हो रहे लगातार अवैध कब्जों और अतिक्रमण के चलते अभी भी २५ से ३० फीसद काम अधूरा है।