अर्थ ‘अ’ व्यवस्था!

दो माह में 12 अरब डॉलर विदेशी मुद्रा निकली, शेयर बाजार में भारी बिकवाली, 6 इंडिकेटर्स में अर्थव्यवस्था नेगेटिव दिशा में : क्रिसल रिसर्च

नई दिल्ली (ब्यूरो)। कोरोना महामारी के बाद एक बार फिर देश की आर्थिक हालत पटरी पर लौटने का प्रयास कर रही थी, जो अब गहरे आर्थिक संकट में वापस लौटने के संकेत देने लगी है। विदेशी मुद्रा भंडार में तीन माह में 15.36 अरब डॉलर की निकासी होना संकेत दे रहा है कि आने वाले समय में देश की आर्थिक हालत पर इसका और बुरा असर रहेगा। वहीं अब महंगाई कम होने का नाम नहीं लेगी, बल्कि महंगाई अगले माह भी पूरे चरम पर बनी रहेगी। आने वाले चार महीनों में देश महामंदी की ओर जा सकता है।
देश की आर्थिक हालत पर सर्वे करने वाली एजेंसी क्रिसल रिसर्च ने अपनी ताजा चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि अगले कुछ माह में देश की आर्थिक हालत पहले से ज्यादा खराब होने वाली है। फायनेंशियल कंडीशन इंडेक्स (एफसीआई) के अंतर्गत ली गई जानकारी में कहा गया है कि भारत का इंडेक्स मार्च 2022 में जीरो (0) से भी नीचे चला गया है। यह इंडेक्स 15 क्षेत्रों में हो रहे कामकाज के आंकड़े एकत्र करने के बाद जारी किए जाते हैं। इसमें शेयर बाजार, विदेशी मुद्रा भंडार, लिक्विड मनी, बाजार कामकाज प्रमुख हैं। इससे यह इंडिकेटर्स बनता है। देश की आर्थिक हालत पहले से ही दयनीय होती जा रही है और इसी के कारण महंगाई लगातार चरम पर पहुंचना शुरू हो गई है। इस समय इंडिकेटर्स के नेगेटिव झोन में जाने की छह वजह बताई गई है जिसमें सबसे प्रमुख रुपए की लगातार गिरती कीमत के बाद विदेशी मुद्रा भंडार से फरवरी में 5.1 अरब डॉलर और मार्च में 6.6 अरब डॉलर बाजार में डालने पड़े। वहीं शेयर बाजार से विदेशी संस्थागतों ने 4500 अरब डॉलर निकाल लिए। कुल 20 अरब डॉलर अभी तक निकाले जा चुके हैं, तो वहीं दूसरी ओर रुपया 1.7 प्रतिशत तक गिर चुका है। सेंसेक्स भी 2.2 प्रतिशत की गिरावट के साथ बना हुआ है। आज भी सेंसेक्स 550 अंकों की गिरावट के साथ शुरू हुआ है। इन सबके अलावा सरकारी कर्जों में भी चौतरफा बढ़ोतरी हो रही है, जो अब तक का सबसे ऊंचा स्तर है। इसी कारण बाजार में सुस्ती का दौर शुरू हो रहा है। लगातार कारोबार में महंगाई की मार और बाजार में नकदी की कमी के चलते अब मंदी का दौर शुरू होने जा रहा है। इसी के साथ अगले दो माह में महंगाई अपने चरम पर बनी रहेगी, तो रुपए में गिरावट भी लगातार जारी रहेगी।

आरबीआई ब्याज दरें बढ़ा रहा है
महंगाई की मार के बीच रिजर्व बैंक अब 50 से 75 बैसिस पाइंट की वृद्धि करने जा रहा है, जिसके चलते कार, होम लोन सहित सभी लोन में अच्छे खासे उछाल होने जा रहे हैं। ईएमआई में भी बढ़ोतरी हो जाएगी।
सुस्त होगी देश की आर्थिक रफ्तार
दूसरी ओर चीन समुद्र में लगे इस ट्रैफिक जाम से ग्लोबल सप्लाई चेन पर भी असर पड़ रहा है। क्योंकि शंघाई का बंदरगाह दुनिया के सबसे व्यस्त बंदरगाहों में से एक है। वहीं, शंघाई चीन के साथ दुनिया के अन्य देशों के आर्थिक कारोबार के लिए भी काफी महत्व रखता है। चीन के इलेक्ट्रिक कार मार्कर एक्सपेंग ने कहा कि अगर शंघाई और आसपास के इलाकों में सप्लायर्स फिर से काम शुरू नहीं कर सकते हैं।

 

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