अति गरीबों की संख्या घटी, छोटे किसान धनाढ्य हुए

वर्ल्ड बैंक की ताजा रिपोर्ट में बताया भारत में मोदी काल में

नई दिल्ली (ब्यूरो)। भारत में गरीबी और छोटे किसानों को लेकर वर्ल्ड बैंक द्वारा एक रिपोर्ट जारी की गई है। इसमें बताया गया है कि भारत में चरम गरीबी में भारी गिरावट आई है तो वहीं छोटे किसानों की आय में अच्छी खासी वृद्धि हुई है। कोरोना महामारी के दौरान देशभर में 80 करोड़ लोगों को मुफ्त दिए गए राशन के अलावा इस रिपोर्ट में 40 सालों में देश में सर्वाधिक बेरोजगारी और महंगाई का कोई जिक्र नहीं है। हालांकि यह रिपोर्ट कोरोना काल से पहले की बताई गई है।
विश्व बैंक के पॉलिसी रिसर्च के वर्किंग पेपर में कहा गया है कि भारत में पिछले आठ सालों में चरम गरीबी पूरी तरह समाप्त हो गई है। चरम गरीबी का मतलब भीख मांगकर या बेहद कम आय वाले इसमें शामिल होते हैं। पेपर में बताया गया है कि वर्ष 2011 में भारत में चरम गरीबी 22.5 प्रतिशत थी जो वर्ष 2019 में घटकर 12.3 प्रतिशत घटकर 10 प्रतिशत रह गई है। यही स्थिति ग्रामीण क्षेत्र में भी है जहां वर्ष 2011 में चरम गरीबी 26.03 प्रतिशत थी, जो 14.7 प्रतिशत घटकर 6.3 प्रतिशत रह गई है। यानी अब गांव में गरीबों की संख्या लगभग नहीं के बराबर है। इसके अलावा रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि छोटे किसानों की आय में 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो गई है तो वहीं बड़े किसानों की आय भी 2 प्रतिशत तक बढ़ गई है। यह सर्वे और रिपोर्ट माइक्रो लेबल पर एकत्र किए गए आंकड़ों के आधार पर जारी की गई है। परंतु यह 2019 में कोरोना काल के पहले की बताई जा रही है। इसके बाद कोरोना काल में जहां बेरोजगारी में भारी बढ़ोतरी के अलावा लोगों की आय में भी 20 प्रतिशत से लेकर 30 प्रतिशत तक की कमी आई है। विश्व बैंक का गरीबी नापने का आंकड़ा यह है कि एक व्यक्ति दिनभर में सवा डॉलर यानी 100 रुपए तक कमा रहा है तो वह एक टाइम ही खाना खा पाएगा। इन्हें भी अति गरीब में शामिल किया जाता है। दूसरी ओर इस रिपोर्ट को लेकर कई जगहों पर आंकड़े खुद ही भ्रम भी पैदा कर रहे हैं। किन क्षेत्रों में यह सर्वे और आंकड़े लिए गए यह जानकारी नहीं है, दूसरा पूरी रिपोर्ट में महंगाई का कोई जिक्र नहीं है तो वहीं पिछले दो सालों में बेरोजगारी 40 सालों के सर्वोच्च शिखर पर बताई जी रही है। हालांकि यह रिपोर्ट सरकार के लिए राहत की बात है कि उनके द्वारा किए जा रहे प्रयासों के कारण अति गरीबी देश में समाप्त होने जा रही है। केन्द्र सरकार गरीबी दूर करने के लिए पिछले कुछ समय से 80 करोड़ लोगों को मुफ्त में अनाज भी बांट रही है।

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