क्यूआर कोड आधारित आटोमेटिक फेयर कलेक्शन सिस्टम होगा लागू

किराये के लिए नेशनल कामन मोबेलिटी कार्ड का किया जा सकेगा इस्तेमाल

इंदौर। मेट्रो ट्रेन के प्रायरिटी कॉरिडोर के काम ने रफ्तार पकड़ ली है। इसके साथ ही अब इसके संचालन की ऑपरेशनल तैयारियां भी शुरु हो गई है। संचालन सिस्टम के साथ यात्री सेवाओं के लिए भी टैंडर जारी किए जा रहे हैं। इसके लिए क्यूआर कोड आधारित आटोमेटिक फेयर कलेक्शन सिस्टम लागू किया जाएगा और किराये के लिए नेशनल कामन मोबेलिटी कार्ड का इस्तेमाल किया जा सकेगा।

उल्लेखनीय है कि मेट्रो ट्रेन कॉर्पोरेशन ने ऑपरेशन तैयारियों के तहत एक ओर जहां टैंडर जारी कर दिये है वही व्यवस्था के संचालन हेतु पब्लिक प्रायवेट पार्टनशिप पर फर्म की तलाश शुरु कर दी है। ट्रेक, डिपो व स्टेशन निर्माण के लिए कंस्ट्रक्शन कंपनियां अब यात्री सुविधाओं के लिए फर्मो की तलाश की जा रही है। इसके लिए अंतर्राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा निविदाएँ आमंत्रित की जा रही हैं। सिस्टम की डिजाइन निर्माण सप्लाय स्थापना और रखरखाव का काम कंपनी को ही करना होगा।
यहां यह प्रासंगिक है कि शुरुआती विवादों के चलते मेट्रो ट्रेक के काम में गतिरोध उत्पन्न हो गया था। अब कंस्लटेंट एवं कान्ट्रेक्टर के बीच समन्वय स्थापित होने के बाद मेट्रो के काम ने रफ्तार पकड़ ली है। मेट्रो में किराये के लिए क्यूआर कोड आधार फेयर कलेक्शन सिस्टम लागू किया जाएगा। इसमे पेमेंट के लिए ओपन लूप नेशनल काम मोबेलिटी कार्ड के इस्तेमाल की व्यवस्था की जा रही है। इसका संचालन पीपीपी आधारित रेवेन्यू मॉडल पर किया जएगा।

आखिर क्या है नेशनल कॉमन मोबेलिटी कार्ड
मेट्रो ट्रेक कार्पोरेशन के अधिकारियों के अनुसार नेशनल कॉमन मोबेलिटी कार्ड एक बहुउपयोगी कार्ड होगा। इससे यात्री मेट्रो ट्रेन का किराया चुकाने के साथ ही स्मार्ट सिटी पार्किंग शुल्क टोल प्लाजा व लोक परिवहन की बसों के किराये का भी भुगतान कर सकेगा। इतना ही नहीं शापिंग के लिए भी यह उपयोगी होगा। महानगर में भविष्य की योजनाओं को दृष्टिगत रखते हुए इंट्रीग्रेडेट लोकपरिवहन की संभावनाएँ जताई जा रही है और इसे ही देखते हुए नेशनल कॉमन मोबेलिटी कार्ड की व्यवस्था करने का निर्णय लिया गया है। इसके चलते लोगों को टिकट के लिए बार बार टिकट काउंटर पर नहीं जाना होगा।

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